बिहार निवासी पिता की विवाहित बेटियों को ही सहायक प्रोफेसर नियुक्ति में आरक्षण का लाभ, आयोग ने दी जानकारी
Bihar News: पिता के नाम से निर्गत निवास प्रमाण पत्र ही आवेदन शुल्क में छूट के लिए मान्य किये जाने हैं. कम शुल्क जमा करने के मामले में बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने कई अभ्यर्थियों को अनर्हित की श्रेणी में रखा है.
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17 जून को विवि सेवा आयोग ने अभ्यर्थियों के लिए सूचना जारी कर दी जानकारी
पटना. राज्य विवि सेवा आयोग द्वारा सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति में बिहार की वैसी विवाहित महिलाएं को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा, जिनके पिता बिहार के मूल निवासी हैं. इस आशय का अभिमत हाल में सामान्य प्रशासन विभाग ने विश्वविद्यालय सेवा आयोग को दिया है. इसके इतर किसी भी विवाहित महिला को बिहार में लागू आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक 17 जून को विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने सभी अभ्यर्थियों के लिए सूचना जारी कर इस प्रावधान के संदर्भ में बता दिया है.
जानें ये मुख्य बातें
आयोग ने स्पष्ट किया है कि पिता के नाम से जारी निवास प्रमाण पत्र ही आवेदन शुल्क में छूट के लिए मान्य होंगे. जानकारी के मुताबिक हाल ही में सहायक प्राध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए मैथिली विषय के आवेदकों की स्क्रूटनी की गयी. इसमें कई विवाहित महिला अभ्यर्थियों ने पति के नाम से जारी प्रमाण पत्र आवेदन के साथ संलग्न किये हैं. इसके कारण यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि इन महिला अभ्यर्थियों के पिता बिहार राज्य के निवासी हैं अथवा नहीं.
पिता के नाम से जारी प्रमाणपत्र मान्य
पिता के नाम से निर्गत निवास प्रमाण पत्र ही आवेदन शुल्क में छूट के लिए मान्य किये जाने हैं. कम शुल्क जमा करने के मामले में बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने कई अभ्यर्थियों को अनर्हित की श्रेणी में रखा है. साथ ही इस पर दावे-आपत्ति भी आमंत्रित किये हैं. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक मूल निवास से जुड़े यह प्रावधान सभी तरह की नियुक्तियों में भी प्रभावी होंगे. फिलहाल मैथिली विषय में सहायक प्राध्यापकों के 43 पदों के लिए 231 आवेदन आये थे. इनमें 178 आवेदन साक्षात्कार योग्य माने गये हैं.
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