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Bengal Election: बंगाल चुनाव में ‘गोत्र’ पर महुआ मोइत्रा और गिरिराज सिंह के बीच जुबानी जंग, कौन लेगा राजनीति से संन्यास?

Bengal Election, Bengal Chunav, Mahua Moitra, Giriraj Singh, Mamata Banerjee, Pm Narendra Modi: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में दो चरण का मतदान हो चुका है, और अब तीसरे चरण की तैयारी है. बंगाल चुनाव के बीच ही केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के बीच गोत्र को लेकर जुबानी जंग जारी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 2, 2021 2:51 PM
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Bengal Election: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव( Bengal Chunav) में दो चरण का मतदान हो चुका है, और अब तीसरे चरण की तैयारी है. बंगाल चुनाव के बीच ही केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) के बीच गोत्र को लेकर जुबानी जंग जारी है. अभी ताजा मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्ग मोदी के निशाने पर रखते हुए एक ट्वीट किया जिस पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पलटवार किया.

गिरिराज सिंह ने लिखा- बनारस में मोदी जी को चुनौती देना ममता दीदी और उनके कुनबे के बस की बात नहीं है. समगोत्री होने के नाते, एक बार मेरे खिलाफ कोशिश कीजिए. दीदी,अगर आपमें हिम्मत है, तो घोषित करें कि आप नंदीग्राम में चुनाव हारने के बाद राजनीति से संन्यास ले लेंगी.

दरअसल, महुआ मोइत्रा ने पीएम मोदी के उस भाषण पर हमला बोला जिसमें उन्होंने ममता बनर्जी के दो सीटों से लड़ने पर कटाक्ष किया था. इस पर महुआ मोइत्रा ने कहा था कि ममता बनर्जी बनारस से भी चुनाव लड़ेंगी. आप तैयार रहिए. महुआ मोइत्रा के इसी बयान पर गिरिराज सिंह ने ममता बनर्जी को खुली चुनौती दे दी.

बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब महुआ मोइत्रा और गिरिराज सिंह ने एक दूसरे पर हमला बोला है. इससे पहले ममता बनर्जी के गोत्र वाले बयान पर गिरिराज सिंह ने कहा था कि मुझे तो कभी गोत्र बताने की जरूरत नहीं पड़ी, मैं तो लिखता हूं. लेकिन ममता बनर्जी चुनाव हारने के डर से गोत्र बताती हैं. ममता बनर्जी अब आप मुझे बात दीजिए कि कहीं रोहिंग्या और घुसपैठियों का गोत्र भी शांडिल्य तो नहीं है. उनका हारना तय है.

गिरिराज सिंह के इस बयान पर मोइत्रा ने ट्वीट किया, ‘केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह कहते हैं कि ममता का गोत्र रोहिंग्याओं का है. हमें इस पर गर्व है. ये चोटीवाले राक्षस वंश से तो कहीं बेहतर है.

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