आरटीआई का निपटारा करने में बंगाल फिसड्डी, जानें क्या है झारखंड, छत्तीसगढ़ व ओडिशा का हाल

वर्तमान मासिक निस्तारण दर के आधार पर पश्चिम बंगाल एसआईसी को एक जुलाई 2023 को दायर किसी मामले का निपटान करने में अनुमानित 24 वर्ष और एक महीने का समय लगेगा और इसका निपटान वर्ष 2047 में किया जा सकेगा.

By Agency | October 11, 2023 10:18 PM

पश्चिम बंगाल सूचना आयोग में यदि अभी कोई अपील या शिकायत दायर की जाती है, तो उसका निस्तारण करने में करीब 24 वर्ष और एक महीने का समय लग जाएगा. आयोग द्वारा अपील के निस्तारण की वर्तमान दर और लंबित मामलों को ध्यान में रखते हुए एक सूचना का अधिकार (आरटीआई) वकालत समूह ने बुधवार (11 अक्टूबर) को अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया. ‘सतर्क नागरिक संगठन’ ने केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोगों के कामकाज का विश्लेषण करने वाली अपनी रिपोर्ट में कहा कि अपील का निस्तारण करने में 10 आयोगों को एक वर्ष या उससे अधिक का समय लगेगा.

एक केस को निबटाने में लगेंगे 24 वर्ष एक महीना

यह रिपोर्ट सूचना का अधिकार अधिनियम की 18वीं वर्षगांठ की पूर्वसंध्या पर प्रकाशित की गई. रिपोर्ट में कहा गया कि आयोगों में औसत मासिक निस्तारण दर और लंबित मामलों के आधार पर अपील/शिकायत को निपटाने में लगने वाले समय की गणना की गई. विश्लेषण से पता चलता है कि वर्तमान मासिक निस्तारण दर के आधार पर पश्चिम बंगाल एसआईसी को एक जुलाई 2023 को दायर किसी मामले का निपटान करने में अनुमानित 24 वर्ष और एक महीने का समय लगेगा और इसका निपटान वर्ष 2047 में किया जा सकेगा.

Also Read: अलीगढ़ में आरटीआई एक्टिविस्ट को मिली जान से मारने की धमकी, भाजपा विधायक और सांसद के खिलाफ उठा रहे मुद्दे

इन राज्यों में नहीं हैं सूचना आयुक्त

इसमें कहा गया है कि छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र एसआईसी में, निस्तारण के लिए अनुमानित समय चार वर्ष से अधिक है तथा ओडिशा और अरुणाचल प्रदेश में यह समय दो वर्ष से अधिक है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चार राज्य सूचना आयोग (झारखंड, तेलंगाना, मिजोरम और त्रिपुरा) पूरी तरह से निष्क्रिय हैं, क्योंकि इनमें किसी भी नये आयुक्त की नियुक्ति नहीं की गई है. समूह ने कहा कि छह आयोग (केंद्रीय सूचना आयोग और मणिपुर, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, बिहार और पंजाब के एसआईसी) वर्तमान में बिना मुखिया के कार्य कर रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version