Bengaluru Suicide Case: अतुल सुभाष की वो आखिरी 10 इच्छाएं! जिन्हें जानकर रो देंगे आप

Bengaluru Suicide Case: बिहार के रहने वाले अतुल सुभाष ने बीते दिन बेंगलुरु में आत्महत्या कर लिया. सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी बीवी और उसके परिजन पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने अपने सुसाइड नोट में अपनी आखिरी इच्छाएं भी लिखी हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद आप अपने आंसू नहीं रोक पाएंगे.

By Aniket Kumar | December 13, 2024 12:17 PM
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Bengaluru Suicide Case: बीते दिनों बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले अतुल सुभाष ने बेंगलुरु में सुसाइड कर लिया. उनके सुसाइड नोट में किए गए दावों के अनुसार, वह अपनी पत्नी से परेशान चल रहे थे. इस मामले के बाद से ही सोशल मीडिया पर चर्चाओं का दौर चल पड़ा है. लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं. लोग अतुल के सुसाइड से काफी भावुक भी नजर आ रहे हैं. साथ ही तलाक को लेकर सरकार से कानून में बदलाव की भी मांग कर रहे हैं. सुसाइड से पहले अतुल ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट और एक वीडियो संदेश भी जारी किया था. सुसाइड नोट में अतुल ने अपनी आखिरी इच्छाएं लिखी थीं, जिन्हें पढ़कर किसी के भी आंसू निकल आएंगे.

आइए, जानते हैं क्या थीं अतुल सुभाष की आखिरी 10 इच्छाएं- 

  • अतुल ने लिखा, “मेरे सभी मामलों की सुनवाई लाइव होनी चाहिए. मेरे मामले के बारे में लोगों को भी पता होना चाहिए. लोगों को यह जानना चाहिए कि महिलाएं कानून का कितना दुरुपयोग कर रही हैं”
  • मेरे दोषियों के साथ कोई बातचीत, समझौता और मध्यस्थता नहीं होनी चाहिए. दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. 
  • मेरी पत्नी को सजा से बचने के लिए केस वापस लेने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए, जब तक कि वह साफ तौर पर स्वीकार न कर ले कि उसने झूठे मामले दर्ज किए हैं. 
  • मेरे बच्चे की कस्टडी मेरे माता-पिता को दें, जो उन्हें सही तरीके से पाल सकें. 
  • मेरी पत्नी और उसके परिवार को मेरे शव के पास मत आने देना. 
  • मेरे दोषियों को अधिकतम सजा दी जाए, हालांकि, मुझे हमारी न्याय व्यवस्था पर ज्यादा भरोसा नहीं है. अगर मेरी पत्नी जैसे लोगों को जेल नहीं भेजा गया, तो उनका हौसला और बढ़ेगा और वे भविष्य में समाज के दूसरे बेटों पर और भी झूठे केस लगाएंगे. 
  • मेरी पत्नी अब सहानुभूति पाने के लिए मेरे बच्चे को अदालत में लाना शुरू कर देगी, जो उसने पहले नहीं किया था ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मैं अपने बच्चे से न मिल सकूं. इस तरह की नाटक की अनुमति कोर्ट की तरफ से उसे न दी जाए. 
  • कृपया मेरे द्वारा जारी किए गए इस सुसाइड नोट और वीडियो को मेरे बयान और सबूत के तौर पर स्वीकार करें.
  • न्यायपालिका को जगाना और उनसे आग्रह करना कि वे मेरे माता पिता और भाई को झूठे केस में परेशान करना बंद करें.
  • जब तक मेरे दोषियों को सजा नहीं मिल जाती, तब तक मेरे अस्थियों का विसर्जन मत करना. अगर कोर्ट यह तय करती है कि मेरी पत्नी और उसके परीजन दोषी नहीं हैं, तो मेरी अस्थियों को कोर्ट के बाहर किसी नाले में बहा देना.

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