पटना. जिम ट्रेनर बिक्रम सिंह राजपूत पर गोली चलाने के लिए दो अपराधियों को तीन लाख रुपये की सुपारी दी गयी थी. सूत्रों के अनुसार ये दोनों अपराधी पटना के नहीं हैं और बाहर से यहां आकर घटना को अंजाम दिया. पूरे मामले की जांच में अब तक आठ लोगों के नाम सामने आये हैं .हालांकि, इन नामों के बारे में पुलिस अभी नहीं बता रही है.
सिटी एसपी सेंट्रल राहुल अंबरीष ने बताया कि जांच चल रही है. एक से दो दिनों में यह पूरा मामला साफ हो जायेगा. पुलिस की विशेष टीम जांच कर रही है. हालांकि, घटना के चार दिन बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
सूत्रों के अनुसार पुलिस ने इस मामले में मंगलवार की देर रात शास्त्रीनगर और एसके पुरी के कई इलाकों में छापेमारी की. हालांकि, मौके से पुलिस को कुछ भी नहीं मिला.
यही नहीं, पुलिस की एक टीम पटना से बाहर भी अन्य जिलों में छापेमारी कर रही है. पुलिस का कहना है कि पहले शूटर की गिरफ्तारी प्राथमिकता है, उसी के बाद पूरा मामला साफ हो सकेगा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिटी एसपी सेंट्रल राहुल अंबरीष ने बताया कि इस मामले में पुलिस पर किसी तरह का राजनीतिक दबाव नहीं है. बगैर साक्ष्य के डॉक्टर दंपती को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है.
घायल जिम ट्रेनर ने डॉक्टर दंपती पर गोली चलवाने का आरोप लगाया है, न कि गोली चलाने का. इसलिए केवल फोन पर 1100 बार बात करने को साक्ष्य मानकर डॉक्टर दंपती की गिरफ्तारी नहीं हो सकती है.
घायल जिम ट्रेनर बिक्रम सिंह राजपूत ने कहा कि खुशबू सिंह उसे मेंटली टॉर्चर करती थी. कई फेक आइडी बनाकर मुझे मैसेज करती थीं. मैंने अपना नंबर कई बार बदला, लेकिन इसके बाद भी वह मेरा नंबर कहीं से पता करके मुझे फोन करती थीं.
उसने बताया कि मेरे स्टूडेंट के सामने आकर काफी हंगामा किया था. इसके गवाह स्टूडेंट हैं, वे भी बता देंगे. कई बार आत्महत्या की धमकी देकर मुझे ब्लैकमेल किया गया.
Posted by Ashish Jha