AISHE की रिपोर्ट में बिहार का बेहतर प्रदर्शन, जानिये विवि और कॉलेजों को लेकर क्या कहती है रिपोर्ट
शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (एआइएसएचइ) रिपोर्ट 2019-20 जारी कर दी है. बिहार के परिप्रेक्ष्य में यह रिपोर्ट आंशिक तौर पर उत्साहजनक कही जा सकती है.
पटना. शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (एआइएसएचइ) रिपोर्ट 2019-20 जारी कर दी है. बिहार के परिप्रेक्ष्य में यह रिपोर्ट आंशिक तौर पर उत्साहजनक कही जा सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में सकल नामांकन अनुपात में आंशिक 0.9% का इजाफा हुआ है. दरअसल अब प्रदेश के 18 से 23 उम्र के प्रति सौ विद्यार्थियों में उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या 14.5 हो गयी है.
पिछले पांच साल में यह आंकड़ा बिहार के लिए सर्वाधिक है. इससे पहले के सालों में सकल नामांकन अनुपात 2018-19 में 13.6, 2017-18 में 13, 2016-17 में 14.4 और 2015-16 में 14.3 था. वहीं वर्तमान सकल नामांकन अनुपात में पुरुषों की 15.8 और महिलाओं की संख्या 13.1 है.
विशेष तथ्य
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देश में महिलाओं के लिए कुल 17 विवि हैं, जिनमें एक बिहार में है.
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बिहार में प्रति लाख जनसंख्या पर 18 से 23 आयु वर्ग पर कॉलेजों की संख्या बिहार में सबसे कम सात और सबसे अधिक कर्नाटक में 59 है. अखिल भारतीय औसत 30 है.
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बिहार में दाेहरे माध्यम के विवि की संख्या केवल तीन है.
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शिक्षक वर्ग में सबसे कम लिंगानुपात बिहार में है, जो प्रतिशत के हिसाब से पुरुष के लिए 78.4% और महिलाओं के लिए 21.6% है.
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बिहार में 2015-2016 से 2019-20 तक नियमित विश्वविद्यालयों की संख्या स्थिर है.
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बिहार में विभिन्न प्रकार के 35 विश्वविद्यालय हैं. इनमें चार केंद्रीय, पांच राष्ट्रीय महत्व के संस्थान, 17 राजकीय सरकारी, छह राजकीय निजी विश्वविद्यालय आदि हैं. हालांकि राज्य और विशेषज्ञता के हिसाब से कुल 20 विश्वविद्यालय है.
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बिहार में कॉलेजों की कुल संख्या 874 है. प्रति लाख आबादी पर आठ कॉलेज हैं. प्रति कॉलेज नामांकन का औसत 1703 है. देश में बड़े राज्यों में बिहार दूसरे स्थान पर है.
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प्रदेश के कुल निजी एवं सरकारी महाविद्यालयों में नामांकन की संख्या 14,69,733 रही.
विश्वविद्यालयों की संख्या में 33% का इजाफा
रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में निजी एवं सरकारी विश्वविद्यालयों की संख्या में करीब 33% का इजाफा हुआ है. 2015-16 में प्रदेश में सभी वर्ग के विश्वविद्यालयों की संख्या 22 थी, 2019-20 की रिपोर्ट में विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ कर 35 हो गयी है. हालांकि शुरुआती सालों में नये विश्वविद्यालयों की स्थापना धीमी गति से हुई.
शैक्षणिक सत्र 2016-17 में विश्वविद्यालयों की संख्या में केवल एक का इजाफा हुआ. इस साल विश्वविद्यालयों की संख्या एक बढ़ कर 23 हुई. इसके बाद 2017-18 में विश्वविद्यालयों की संख्या फिर एक बढ़ कर 24 हो गयी. सत्र 2018-19 में विश्वविद्यालयों की संख्या नौ बढ़ कर 33 हो गयी. यह बड़ी जंप थी.
2019-20 में इन विश्वविद्यालयों की संख्या में दो का इजाफा हुआ है. इस तरह पिछले तीन शैक्षणिक सत्रों में विश्वविद्यालयों की संख्या में सर्वाधिक 11 का इजाफा हुआ. पिछले पांच सालों में महाविद्यालयों की संख्या में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है. 019-20 में बढ़ कर 874 हो गयी है.
Posted by Ashish Jha