बगहा रेलवे ढाला के समीप से शीशम व सागवान की 10 गुल्ली लकड़ी जब्त

वीटीआर प्रशासन की छापेमारी से पेशेवर लकड़ी तस्कर और वन अपराधियों में लगातार हड़कंप मंच गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 8, 2024 8:41 PM

हरनाटांड़ . वीटीआर प्रशासन की छापेमारी से पेशेवर लकड़ी तस्कर और वन अपराधियों में लगातार हड़कंप मंच गयी है. इसी क्रम में मंगलवार की अहले सुबह बगहा वन क्षेत्र अधिकारी सुनील कुमार के नेतृत्व में बगहा रेलवे ढाला से करीब 200 मीटर दाहिने साइड में छापेमारी के दौरान शीशम व सागवान की 10 गुल्ली लकड़ी को जब्त किया गया है. इस संबंध में बगहा वन क्षेत्र अधिकारी ने बताया कि मंगलवार की सुबह में गुप्त सूचना के आधार पर बगहा रेलवे ढाला के समीप से वन कर्मियों की टीम के साथ छापेमारी के दौरान शीशम व सागवान की 10 गुल्ली लकड़ी को जब्त किया गया है. उन्होंने बताया कि प्राप्त जानकारी से यह पता चला है कि पेशेवर लकड़ी धंधेबाज वाल्मीकिनगर रोड रेलवे स्टेशन से ट्रेन के जरिए लादकर ला रहे थे और बगहा रेलवे ढाला से करीब 200 मीटर दूरी पर उतार लिए है. रेंजर ने बताया कि लकड़ी एक घर के पीछे रखी गयी थी. उन्होंने बताया कि लकड़ी को जब्त कर पेशेवर लकड़ी धंधेबाजों की पहचान में जुट गयी है. उन्होंने बताया कि लकड़ी धंधेबाजों को पहचान कर वन अपराध अधिनियम के तहत विभागीय कार्रवाई की जाएगी. पूर्व में भी बगहा स्टेशन पर ट्रेन से जब्त की गयी थी कीमती लकड़ी वीटीआर के मदनपुर वन क्षेत्र के गर्भ में बसा वाल्मीकिनगर रोड रेलवे स्टेशन पेशेवर लकड़ी धंधेबाजों व वन संपदा तस्करों का ठिकाना बन गया है. मदनपुर वन क्षेत्र के जंगलों से कीमती पेड़ों का पातन कर गुल्ली, पटरा व जलावन में तब्दील कर पेशेवर लकड़ी धंधेबाज ट्रेनों के माध्यम से बिहार के बगहा, नरकटियागंज, बेतिया समेत अन्य शहरों के साथ ही उत्तर प्रदेश के शहरों में भेजकर तस्करी कर रहे है. बता दें कि बीते 28 जनवरी को वाल्मीकिनगर रोड रेलवे स्टेशन से ट्रेन में लादकर गुल्ली व जलावन लेकर जा रहे थे. वन कर्मियों की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर बगहा स्टेशन पर छापेमारी कर गुल्ली लकड़ी व जलावन को जब्त किया था. वहीं 1 अप्रैल को वाल्मीकिनगर रोड रेलवे स्टेशन के समीप से वन कर्मियों की छापेमारी में एक ट्रक बेंत जब्त की गयी थी. बता दें कि पूर्व से लकड़ी व वन संपदा की तस्करी करने के लिए वाल्मीकिनगर रोड स्टेशन सेफ जोन बना रहा है. ट्रेन की आवाज को बनाते हैं लकड़ी पातन करने का जरिया मदनपुर वन क्षेत्र होकर गुजरी वाल्मीकिनगर रोड रेलवे स्टेशन से गुजरी ट्रेनों की आवाज पेशेवर लकड़ी धंधेबाज के लिए वरदान साबित होता है. सूत्रों के मानें तो पेशेवर लकड़ी धंधेबाज जंगल से लकड़ी के पातन करने का सुरक्षित जरिया जंगल होकर गुजर रही ट्रेनों के आवाज को बनाते है. सूत्र बताते हैं कि पेशेवर लकड़ी धंधेबाज किस्म के लोग जंगल में हाथ आरा से पेड़ों को काट लेते हैं और जब उसे गिराना होता है तो वह ट्रेन की इंतजार करते है. ताकि गुजर रही ट्रेन की आवाज में पेड़ों को गिराने पर उसकी आवाज सुनाई नहीं दे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version