गुजरात मदरसे में जा रहे 58 बच्चों को ट्रेन से उतारा गया

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष के निर्देश पर अवध ट्रेन से 58 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 18, 2024 9:12 PM

बेतिया/नरकटियागंज. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष के निर्देश पर अवध ट्रेन से 58 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है. यह रेस्क्यू सुगौली, नरकटियागंग और गोरखपुर स्टेशन पर किया गया. इन बच्चों को सुरत के मदरसे में ले जाया जा रहा था. अधिकारियों की पूछताछ में बच्चों ने बताया कि हम कहां जा रहे है हमें नहीं पता है. इस पूरे अभियान में उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डाॅ सुचिता चतुर्वेदी एवं बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष आदित्य कुमार की भूमिका रही. इधर नरकटियागंज चाइल्ड लाइन की टीम ने जंक्शन पर अवध एक्सप्रेस ट्रेन के विभिन्न बोगियां में जांच अभियान चलाया. इस दौरान मदरसा में पढ़ने जा रहे 22 छात्रों को उन्हें नरकटियांगज जंक्शन पर उतार लिया गया. एक साथ इतनी संख्या में बच्चों को उतारने के बाद स्टेशन पर गहमागहमी उत्पन्न हो गया था. हालांकि आरपीएफ एवं जीआरपी की मदद से बच्चों को एक जगह इकट्ठा किया गया और बैठाया गया. चाइल्डलाइन टीम में शामिल नितेश कुमार ने बताया कि चाइल्डलाइन टीम के वरीय पदाधिकारी को गुप्त सूचना मिली थी कि ट्रेन में बाल मजदूरी करने के लिए बच्चों को विभिन्न प्रदेशों में भेजा जा रहा है. इन बच्चों में किशनगंज के 4, पूर्णिया के 7 एवं अररिया के 11 छात्र शामिल थे. उन्होंने बताया कि मुक्त कराए गए बच्चों को सीडब्ल्यूसी कोर्ट में पेश किया जाएगा. उसके बाद परिजनों को सौंप दिया जाएगा. वहीं पूर्णिया के बच्चों के साथ परिजनों में शामिल मोहम्मद राशिद ने बताया कि वह छात्रों को लेकर ईद की छुट्टी के बाद मदरसा में पहुंचाने के लिए जा रहे थे. सभी छात्रों के पास आइडेंटी कार्ड उपलब्ध है और ट्रेन के विभिन्न बोगियों में रिजर्वेशन टिकट भी है. उन्होंने बताया कि चाइल्डलाइन टीम द्वारा बेवजह छात्रों को जबरन ट्रेन से उतार दिया गया है. जिसके कारण छात्रों की ट्रेन छूट गई हैं. उन्होंने चाइल्डलाइन टीम से अनुरोध किया है कि बच्चों के परिजनों के आने तक उन्हें सुरक्षित रखा जाए और गार्जियन को आने पर उनके हवाले किया जाए.

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