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वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में नेपाली हाथियों का झुंड ने मचाया तांडव

बिहार का इकलौता वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना का जंगल नेपाली हाथियों को फिर एक बार आकर्षित करने लगा है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 3, 2024 9:06 PM

वाल्मीकिनगर. बिहार का इकलौता वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना का जंगल नेपाली हाथियों को फिर एक बार आकर्षित करने लगा है. कभी नेपाल के राष्ट्रीय निकुंज चितवन जंगल से भटककर गैंडा तो कभी नेपाली हाथियों का झुंड वीटीआर के वाल्मीकिनगर व गोनौली वन क्षेत्र के जंगलों व जंगल से सटे सरेहों में चहलकदमी करते रहते हैं. इसी क्रम में सोमवार की देर रात वीटीआर के गोनौली वन क्षेत्र के वाल्मीकि आश्रम जंगल में स्थित वाल्मीकि आश्रम एसएसबी कैंप के समीप लगभग आधा दर्जन नेपाली हाथियों का झुंड ने तांडव मचाना शुरू कर दिया. तांडव मचाने के दौरान लोगों के जांच के लिए एसएसबी द्वारा बनाए गये चेक पोस्ट (गुमटी) को तोड़-फोड किया. साथ ही व्यवसायी देव नारायण रौनियार के चलंत ठेला को तोड़-फोड़ कर खाने पीने का जो भी सामान था उसको भारी नुकसान पहुंचाया है. उसके बाद हाथियों का झुंड भारतीय वन क्षेत्र से वाल्मीकि आश्रम पहुंचा. जहां आश्रम के आसपास बसे लगभग 50 घर (नेपाली नागरिकों के झूंगी-झोपड़ी) को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से तांडव मचाना शुरू कर दिया. तब तक नेपाल एपीएफ, नेपाल पुलिस एवं नेपाली नागरिकों ने हाथियों के आहट पाकर शोर-गूल मचाना व आग जलाकर लुकार बांध कर हाथियों को भगाना शुरू कर दिया. तब नेपाली हाथियों का झुंड नेपाल बॉर्डर को पार कर फिर से भारतीय वन क्षेत्र में जा पहुंचा. जिसको लेकर वीटीआर प्रशासन ने वन कर्मियों को हाई अलर्ट करते हुए चौकसी बढ़ा दी है तथा जंगल से सटे वनवर्ती गांवों के लोगों को सरेह और जंगलों की ओर नहीं जाने के लिए अपील कर रही है. वन कर्मियों को हाई अलर्ट कर चौकसी के लिए किया गया है तैनात इस संबंध में वीटीआर के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ. नेशामणी ने बताया कि नेपाल से टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र में हाथियों की चहलकदमी की सूचना मिली है. सूचना को गंभीरता से लेते हुए गोनौली वन क्षेत्र के प्रभारी रेंजर एवं वाल्मीकिनगर रेंज राजकुमार पासवान के नेतृत्व में वन कर्मियों को हाई अलर्ट कर चौकसी के लिए तैनात कर दिया गया है. साथ लोगों को सुरक्षित रहने के लिए अपील किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि नेपाल के चितवन और वीटीआर का वाल्मीकिनगर का वन क्षेत्र एक दूसरे से खुला क्षेत्र है. जिससे नेपाल से बाघ, गैंडा, हाथी व अन्य जंगली जानवरों का आना जाना लगा रहा है. इन जानवरों की निगरानी के लिए वन कर्मियों को तैनात कर दिया गया है.

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