पुलिस की पिटाई से मौत का लगाया आरोप
बंदी रामबालक मुखिया की मौत के मामले में परिजनों ने मुफस्सिल पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है.
बेतिया. शराब के मामले में गिरफ्तार बंदी रामबालक मुखिया की मौत के मामले में परिजनों ने मुफस्सिल पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है. परिजनों का आरोप है कि पुलिस की ओर से रुपये की मांग की गई थी. नहीं देने पर राम बालक की थाने में पुलिस ने पिटाई की. इससे उसकी मौत हुई है. इसको लेकर रविवार को परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया. जीएमसीएच पहुंचे परिजनों ने बताया कि राम बालक को 18 अप्रैल को पुलिस ने पकड़ा था. इसके बाद 50 हजार रुपये की मांग की गई. नहीं देने पर पिटाई की गई. परिजनों का आरोप है कि मौत होने के बाद पुलिस ने लाश को सरकारी अस्पताल पहुंचा दिया. परिजनों का यह भी कहना है कि दो दिन से वह रामबालक की लाश खोज रहे हैं, लेकिन पुलिस नहीं बता रही थी. हालांकि पुलिस ने तबियत खराब होने से मौत होने की बात कही है. इस संदर्भ में मुफस्सिल थानाध्यक्ष ज्वाला सिंह ने बताया कि जो भी आरोप लगाये जा रहे हैं, वह बेबुनियाद हैं. रामबालक को शराब के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने बेतिया सदर के राजस्व पदाधिकारी विजय कुमार को दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त कर शव का पोस्टमार्टम करवाने की जिम्मेवारी सौंपी. अस्पताल सूत्रों के अनुसार पोस्टमार्टम के लिए चिकित्सकों की एक टीम गठित की गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.