पांच दोस्तों संग मिल आदित्य ने खुद रची थी गोली मार लूट की पटकथा, गिरफ्तार
सिरिसिया थाना क्षेत्र में प्रॉपर्टी डीलर आदित्य तिवारी को गोली मारकर पांच लाख रुपया लूट मामले का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है.
बेतिया. सिरिसिया थाना क्षेत्र में प्रॉपर्टी डीलर आदित्य तिवारी को गोली मारकर पांच लाख रुपया लूट मामले का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है. पुलिस की माने तो गोली से जख्मी आदित्य ही इस पूरे वारदात का मास्टरमाइंड था और उसी ने अपने पांच दोस्तों की मदद से अपने ऊपर गोली चलवाई और पैसे गबन करने की नीयत से इस नाटकीय घटनाक्रम को अंजाम दिया. मामले में पुलिस ने आदित्य समेत पांच को गिरफ्तार कर इस लूटकांड का पटाक्षेप कर दिया है. गिरफ्तार आरोपितों में कुमारबाग के बकुचिया निवासी आदित्य तिवारी, लौरिया के गोबरौरा निवासी यश मिश्रा, कुमारबाग के मलकौली निवासी अम्बुज पांडेय, नवनीत राय, एवं कुमारबाग के ही उपध्याय टोला निवासी नवनीत ठाकुर शामिल है. एसपी डी अमरकेश ने बताया कि छह सितंबर को पुलिस को सूचना मिली कि सिरिसिया थाना क्षेत्र में अज्ञात अपराधियों द्वारा प्रॉपर्टी डीलर आदित्य तिवारी को गोली मारते हुए पांच लाख रुपया लूट लिया है. घटना के बाद एसआईटी का गठन कर मामले का उद्भेदन करने की जिम्मेवारी टीम को सौंपी गयी. टीम में शामिल पुलिस पदाधिकारियों ने वैज्ञानिक, तकनीकी एवं मानवीय अनुसंधान आंरभ की. पुलिस ने पहले आदित्य तिवारी से ही सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया और पूरी कहानी बता दी. पुलिस के अनुसार, आदित्य ने ही अपने सहयोगी लोगों को मेल में लेकर इस घटना को अंजाम दिलवाया. एसपी ने बताया कि अम्बुज के निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त पिस्तौल, मैग्जीन एवं कारतूस एवं आदित्य तिवारी का मोबाइल बरामद किया गया. उसी के निशानदेही पर अन्य सहयोगी नवनीत ठाकुर, नवनीत राय एवं यश मिश्रा को गिरफ्तार किया गया. साथ ही साथ इनके द्वारा प्रयुक्त की जा रही मोबाइल भी बरामद किया गया. एसआईटी में सदर पुलिस निरीक्षक सुनील कुमार सिंह, तकनीकी शाखा के प्रभारी ज्वाला सिंह, रमेश शर्मा, शिकारपुर थानाध्यक्ष अवनिश कुमार, सिरिसिया थानाध्यक्ष मदन कुमार मांझी के अलावे सिपाही कमलेश कुमार, बबलू कुमार एवं तकनीकी शाखा के अन्य जवान शामिल थे.
————————पैर में पीछे से लगी गोली और बयान बदलने से बढ़ा संदेह
प्रॉपटी डीलर को गोली मार लूट की घटना की सूचना के बाद से एक ही तरफ जहां लोगों ने पुलिस के खिलाफ आक्रोश बढ़ गया था. वहीं पुलिस भी इस वारदात से बेचैन हो गई थी. जांच में जुटी टीम ने पहले तो कई बिंदुओं पर जांच शुरू की, लेकिन कहीं से कोई तार नहीं जुड़ता नहीं दिखा. इसी बीच अस्पताल में भर्ती आदित्य के बार-बार बयान बदलने से पुलिस का संदेह उसी पर बढ़ता गया. पैर में पीछे से लगी गोली भी इस संदेह को और मजबूत कर दिया. आदित्य भी क्राइम सीन को समझाने में नाकाम रहा कि आखिर उसे पैर में पीछे से गोली कैसे लगी? इतना ही नहीं आदित्य ने पहले लूट की रकम पांच लाख बताई थी और बाद में इसे तीन लाख बताने लगा था.
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पुलिस की माने तो आदित्य और इसके सहयोगियों ने पहले महज लूट की थी पटकथा तैयार की थी. इनकी मंशा थी कि लूटकांड की वारदात का सीन क्रिएट कर वह इसे अंजाम दे डालेंगे. लेकिन पुलिस को शक न हो, इसको लेकर आदित्य ने अपने ऊपर गोली चलवाने की वारदात को अंजाम दिलाया. ताकि पुलिस को उसपर शक न हो.
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