बेतिया. माॅनसून की धमक के पूर्व जिला प्रशासन की ओर तैयारी शुरू कर दी गई है. जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय ने बताया कि नेपाल में बहुत कम समय में बहुत अधिक मात्रा में बारिश होती है. गंडक नदी में वाल्मीकिनगर बैराज से काफी अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने, बादल की शिफ्टिंग को लेकर जिले में बाढ़ की स्थिति बनती है. संभावित बाढ़ आपदा से निपटने के लिए सभी प्रकार की व्यवस्थाएं अपडेट रखनी है. बाढ़ की पानी में घिरे लोगों को सुरक्षित, बाढ़ आश्रय स्थल व शरण स्थल तक पहुंचाने के लिए 138 निजी नाव मालिकों के साथ एकरारनामा कर लिया गया है. बाढ़ पीड़ितों के लिए 165 शरण स्थल व 10 बाढ़ आश्रय स्थल बनाया गया है. बाढ़ पीड़ितों के खाने-पीने में किसी तरह परेशानी नहीं हो इसको लेकर 270 सामुदायिक रसोई का भी संचालन किया जायेगा. डीएम ने बताया कि जिले में संभावित बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन पूरी रहत से अलर्ट मोड में आया गया है. बाढ़ आने व उसमें घिरे लोगों को बचाने को लेकर 133 गोताखोर व 141 राहत एवं बचाव दल काम करेंगे. बाढ़ में फंसे लोगों के रेस्क्यू करने के लिए जान जोखिम में नहीं हो, इसको लेकर 98 लाईफ जैकेट की भी व्यवस्था कर ली गई है. एडीएम अपदा रामानुज प्रसाद ने बताया कि 11850 पॉलिथीन शीट्स, 1 महाजाल, 1 इन्फ्लैटेबल लाईटिंग सिस्टम व 3 जीपीएस सेट की व्यवस्था है. उन्होंने बताया कि चना, सत्तू, चूड़ा, गुड़, नमक एवं खाद्य पदार्थों आदि की व्यवस्था के लिए निविदा प्रकाशन के आलोक में निविदा प्राप्त हो चुका हैं. निविदा अंतिम प्रक्रिया में है. एडीएम अपदा ने बताया कि डीएम के निर्देश पर सभी सीओ को नाव-नाविक, गोताखोर, कम्युनिकेशन प्लान, सूचना संग्रह, बाढ़ आश्रय स्थल सहित अन्य सभी व्यवस्थाओं की ससमय तैयारी करने को कहा गया है.
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