मोटे अनाजों के 36 प्रभेदों के संग्रहालय को देख गदगद हुए देश के कृषि वैज्ञानिक
कृषि विज्ञान केन्द्र नरकटियागंज नीत नयी उंचाईयों की ओर अग्रसर हो रहा है.
नरकटियागंज. कृषि विज्ञान केन्द्र नरकटियागंज नीत नयी उंचाईयों की ओर अग्रसर हो रहा है. यहां कार्य करने वाले वैज्ञानिक, अधिकारी और क्षेत्र के किसान खेती किसानी के क्षेत्र में रोज नये आयाम गढ़ रहे हैं. यहां पहुंचे वैज्ञानिकों ने केन्द्र पर मोटे अनाजों के संग्रह को देख प्रसन्नता व्यक्त की. कहा कि अब पूरी दुनिया मोटे अनाज की तरफ भाग रहा है. ऐसे में 36 प्रभेदों का संग्रहालय काबिले तारीफ है. गुरुवार को कृषि विज्ञान केन्द्र में कृषक वैज्ञानिक वार्तालाप कार्यक्रम में पहुंचे कृषि वैज्ञानिकों ने अपनी अपनी राय दी. कार्यक्रम की अध्यक्षता राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर मध्य प्रदेश के पूर्व कुलपति एवं पूर्व उप महानिदेशक (एनआरएम) भारत सरकार डॉ एके सिंह ने किया. इस दौरान उन्होंने खेती किसानी के क्षेत्र में चंपारण के प्रगतिशील किसानों और अधिकारियों ने खेती के लिए किसानों को प्रेरित करने वाले कृषि विज्ञान केन्द्र के वरीय कृषि वैज्ञानिक डा. आरपीसिंह समेत अन्य की जमकर तारीफ की. उन्होंने जिले के 40 से अधिक प्रगतिशील कृषकों के बीच बाढ़ की स्थिति में धान व गन्ने की खेती करते हुए समेकित कृषि प्रणाली को कैसे किया जाए. इस पर अपना विचार व्यक्त करते हुए किसानों से आधुनिक वैज्ञानिक विधियों को अपनाने पर जोर दिया. वही कार्यक्रम में आईसीए आर-रांची के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डॉ एस कुमार ने किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र में उपलब्ध विभिन्न कृषि तकनीक को गहनता से समझाया और अपनाने की सलाह दी, रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता डॉ एके श्रीवास्तव ने समेकित कृषि प्रणाली में पशुपालन के महत्व एवं डेयरी पालन से अधिक मुनाफा कमाने पर विशेष जानकारी दी. कार्यक्रम मे सम्मिलित आईसीएआर-महात्मा गांधी इंटीग्रेटेड फार्मिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट मोतिहारी के निदेशक डॉ केजी मंडल मुख्य वैज्ञानिक डॉ एसके पूरबे व डा शैलेश कुमार सिंह ने गन्ना उत्पादन की नवीनतम तकनीक एवं समेकित कृषि प्रणाली पर जानकारी दी. कृषि विज्ञान केन्द्र नरकटियागंज के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ आरपी सिंह ने अतिथियों का भव्य स्वागत किया. इस कार्यक्रम का मंच संचालन पशुपालन वैज्ञानिक डॉ भूषण कुमार सिंह ने किया. मौके पर कृषि अभियंत्रण वैज्ञानिक डॉ पंकज मलकानी, कृषक आनंद सिंह, सचिन सिंह, विनय पांडेय, सत्येंद्र दुबे, विजय गिरी, विजय जायसवाल, गंगासागर, राघव शरण, डॉ अभिषेक प्रताप सिंह, अशोक कुमार बैठा, आलोक कुमार, नितेश कुमार, रोशन कुमार, प्रेम कुमार पासवान, चिंटू कुमार आदि मौजूद रहे.
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