उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में एंबुलेंस सेवा पर लगी रोक, मरीज परेशान
ठकराहा में एंबुलेंस आपात सेवा इन दिनों सिस्टम के उदासीनता के कारण मरीजों के लिए जीवनदायिनी नहीं बल्कि परेशानियों का सबब बन गया है.
ठकराहा.ठकराहा में एंबुलेंस आपात सेवा इन दिनों सिस्टम के उदासीनता के कारण मरीजों के लिए जीवनदायिनी नहीं बल्कि परेशानियों का सबब बन गया है. दुर्घटनाग्रस्त या गंभीर मरीज जब पीएचसी से रेफर हो रहे है तो उन्हें विभागीय आदेश का हवाला देकर चालक उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिला अस्पताल न ले जाकर अनुमंडलीय अस्पताल बगहा या जिला अस्पताल बेतिया लेकर पहुंच रहे है. पीएचसी ठकराहा से कुशीनगर जिला अस्पताल की दूरी महज 35 किलोमीटर है और रास्ता भी ठीक है. जबकि अनुमंडलीय अस्पताल बगहा की दूरी ठकराहा पीएचसी से 65 किलोमीटर और जिला अस्पताल बेतिया की दूरी 120 किलोमीटर है. वहीं उत्तर प्रदेश में लगभग इस रूट की नौ किलोमीटर सड़क जर्जर है. बीडीसी संध्या देवी, सरपंच, उमेश यादव, सुदामा राम, ग्रामीण ताज मोहम्मद, अनीस मंसूरी आदि ने बताया कि सरहदी पाबंदी से पहले एंबुलेंस आपात सेवा ठकराहा से पडरौना जिला अस्पताल के लिए 35 किलोमीटर की दूरी आधा घंटा में तय कर मौत से जूझ रहे मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित हुआ करती थी. लेकिन अब रोक के बाद तीमारदार मरीजों को बगहा या बेतिया ले जाने को मजबूर है. ठकराहा से बेतिया और बगहा की दूरी तय करते समय इस बात की चिंता बनी रहती है कि यदि समय निकल गया तो घायल या गंभीर मरीज की मौत इलाज के अभाव में रास्ते में ही हो जायेगी. कुछ दिनों पहले सड़क हादसे में घायल मरीज को रेफर के बाद चालक द्वारा कुशीनगर जिला अस्पताल ले जाने से इंकार कर दिया गया तो उसे निजी वाहन से पडरौना जिला अस्पताल ले जाया गया. समय से उसे अस्पताल पहुंचाया गया जिससे उसकी जान बच गयी.आपात सेवा ईंधन डालने यूपी के तमकुहीराज जाता है एंबुलेंस
अस्पताल प्रबंधन के अनुसार एंबुलेंस सेवा सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के लिए प्रतिबंधित है. लेकिन ये और बात है कि ठकराहा में मौजूद एंबुलेंस आपात सेवा ईंधन डालने पीएचसी से 20 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के तमकुहीराज जाता है. विगत कुछ महीनों से उत्तर प्रदेश के पडरौना में मरीज को नहीं भेजा जा रहा है. जिससे मरीजों समेत तीमारदारों की परेशानी बढ़ गयी है. जनप्रतिनिधि भी इस बात की चिंता प्रकट कर रहे हैं कि यदि ये प्रतिबंध नहीं हटा तो किसी आपात घड़ी में खामियाजा प्रखंड क्षेत्र के लोगों को ही भुगतना पड़ सकता है.बोले पीएचसी प्रभारी
बोले सीएस
हालांकि इस संदर्भ में सीएस श्रीकांत दुबे के अनुसार ये दो राज्यों का मामला है. इस समस्या का समाधान जिला स्तर से संभव नहीं है. गंडक पार के प्रखंडों की स्थिति से विभाग को अवगत करा दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है