हरनाटाड़. बिहार-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने से बिहार का इकलौता वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगलों का गंडक नदी के कटाव जारी है. जिससे इन दिनों वीटीआर के अस्तित्व खतरे में है. वन प्रमंडल दो के मदनपुर, वाल्मीकिनगर के वन क्षेत्रों के जंगल में कई जगहों पर गंडक नदी समेत दर्जनों पहाड़ी नदियों द्वारा कटाव लगातार बढ़ने से हरा-भरा पेड़ तो नदी में समाहित हो ही रहा है. साथ ही साथ जमीन भी उसके गर्भ में समा रही है. वन व वन भूमि का कटाव की रिपोर्ट मदनपुर वन क्षेत्र वन कर्मियों द्वारा वरीय अधिकारियों को भेजी जा रही हैं. एक माह पहले वीटीआर प्रशासन की ओर से कटाव रोधी कार्य कराने के लिए पत्राचार भी कर दिया गया है. लेकिन अभी तक किसी प्रकार का कटाव रोधी कार्य नहीं हो सका. जिसका नतीजा यह है कि नेपाल व पहाड़ी इलाकों में अधिक बारिश होने के कारण गंडक समेत अन्य पहाड़ी नदियों के जलस्तर बढ़ने से वन क्षेत्रों में कटाव तेज हो गयी है. बताया जा रहा है अभी तक सैकड़ों पेड़ व करीब पचास एकड़ वन भूमि कटाव की चपेट में आकर नदी में विलीन हो गए तथा होते जा रहे हैं. मदनपुर वन कक्ष संख्या एक, दो के जंगल कुछ ही दिनों में गंडक नदी में समा जाएगा. जंगल और जानवरों पर गंभीर संकट बढ़ गया है. नदी का कटाव का गति को देख वीटीआर प्रशासन की नींद उड़ गयी. वन प्रेमी गजेंद्र यादव, निप्पू पाठक, दीनानाथ साह, ईडीसी अध्यक्ष हरेंद्र दास आदि ने कहा कि वन विभाग व जल संसाधन विभाग द्वारा अगर समय रहते कटाव रोधी कार्य नहीं किया गया तो जंगल कुछ ही दिनों में कट जाएगा. जंगल में वास कर रहे बाघ गांव तथा सरेहों में जाकर अपना अधिवास तलाशने लगेंगे. विभागीय आंकड़ा के अनुसार वर्ष 2015-2023 तक गंडक नदी के कटाव से करीब सौ एकड़ से अधिक जंगल नदी में कट चुका है. अगर कटाव को बचाने का काम नहीं हुआ तो जंगल और जानवरों पर गंभीर संकट आ जाएगा. इस संबंध में जिप अध्यक्ष निर्भर कुमार महतो ने बताया कि वीटीआर के दर्जनों जगहों पर कटाव होने की सूचना मिल रही है. उन्होंने बताया कि सबसे अधिक गंडक नदी प्रमंडल दो के मदनपुर वन क्षेत्र के कक्ष संख्या एक दो व जमुनिया जंगल और वाल्मीकिनगर के चुलभट्ठा के जंगल को काट रही है. यह वन विभाग व जल संसाधन विभाग की लापरवाही है. जिप अध्यक्ष ने बताया कि वीटीआर में कटाव को वाल्मीकिनगर में आ रहे सीएम से रूबरू हो अवगत कराया जाएगा. ताकि देश की धरोहर और बिहार की पहचान वीटीआर को बचाया जा सके.
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