जिला की शिक्षक नियोजन इकाइयों का कैंप में 10 से 15 जून तक होगा अंकेक्षण

शिक्षक नियोजन इकाइयों का 10 से 15 जून तक में कैंप के माध्यम से वित्तीय अंकेक्षण कराया जाएगा.

By Prabhat Khabar News Desk | June 9, 2024 9:59 PM

बेतिया. जिलाभर की शिक्षक नियोजन इकाइयों का 10 से 15 जून तक में कैंप के माध्यम से वित्तीय अंकेक्षण कराया जाएगा.जिला शिक्षा कार्यालय में स्थापना संभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी योगेश कुमार ने बताया कि विभागीय निर्देश के आलोक में 10 से 15 जून तक नियोजन इकाईयों का अंकेक्षण कैंप आयोजित कर किया जायेगा.उक्त अवधि में सभी नियोजन इकाईयों के सचिव को कैंप खुद से शामिल होकर अपने अपने नियोजन इकाई का अंकेक्षण सुनिश्चित कराने को कहा गया है. डीपीओ श्री कुमार ने बताया कि अंकेक्षण के लिए अनुमंडलवार तिथियां जारी कर दी हैं. जिसके अनुसार 10 से 13 जून तक प्रखंड संसाधन केंद्र बगहा-1में नरकटियागंज व बगहा अनुमंडल क्षेत्र के सभी पंचायत, प्रखंड व नगर निकाय नियोजन इकाईयों का अंकेक्षण किया जायेगा. वहीं उसके बाद 14 व 15 जून को स्थानीय प्रखंड संसाधन केंद्र में बेतिया अनुमंडल क्षेत्र के सभी पंचायत, प्रखंड, जिला परिषद व नगर निकाय नियोजन इकाईयों का अंकेक्षण किया जाएगा. इस कैंप में वैसे नियोजन इकाई सचिवों को भी अंकेक्षण कराने को कहा गया है. डीपीओ योगेश कुमार ने यह भी बताया कि अब स्कूलों में शिक्षक की बहाली से लेकर उनके वेतन भुगतान में नियोजन इकाईयों की भूमिका समाप्त हो चुकी है.पंचायत से लेकर प्रखंड व नगर निकाय नियोजन इकाईयों को अब इस दायित्व से मुक्त कर दिया गया है. लेकिन बीते वर्षों में नियोजन इकाईयों को नियोजित शिक्षकों के वेतन मद में उपलब्ध कराई गई राशि का अब तक हिसाब किताब अधूरा है.इसको लेकर शिक्षा विभाग ने आरएन सिन्हा एण्ड कम्पनी को नियोजन इकाईयों के अंकेक्षण की जिम्मेदारी सौंपी है. लेकिन नियोजन इकाईयां अंकेक्षण में रूचि नहीं ले रही थीं.इसकी वजह नियोजन इकाईयों को वेतन भुगतान मद में दी गई राशि, उनके द्वारा खर्च की गई राशि और शेष बची राशि सहित करोड़ों का हिसाब लंबित है.इसको लेकर विभागीय निर्देश पर अंकेक्षण कैंप आयोजित किया जा रहा है. यहां उल्लेखनीय है कि पूर्व की विभागीय व्यवस्था के तहत वर्ष 2003-04 से 2013-14 तक नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान की विभिन्न नियोजन इकाईयों के माध्यम से ही व्यवस्था की गई थी. शिक्षा विभाग इसके लिए विभिन्न नियोजन इकाईयों को धन उपलब्ध कराता था.पूर्व में भी इस प्रकार का कैंप आयोजित किया जा चुका है.लेकिन उस कैंप में सभी नियोजन इकाईयों की सहभागिता नहीं होने से काम पूरा नहीं हो सका था.

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