Bihar Flood: इजरायल अंसारी, बगहा. गंडक बराज वाल्मीकिनगर से तीन लाख 42 हजार क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़े जाने के बाद गंडक दियारा के दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी घुसने से जलमग्न हो गए हैं. इतना ही नहीं पशुओं का चारा भी नहीं मिल रहा है. जिसे पशु भी परेशान है. जी हां सपना नहीं हकीकत है. गंडक दियारा के नदी थाना क्षेत्र अंतर्गत एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ के पानी से डूब गए हैं. जिसके चलते लोग ऊंचे स्थान धनहा-रतवल मुख्य मार्ग पर अपने बाल बच्चों के साथ शरण लोग ले रहे हैं.
बाढ़ से डूबा कई गांव
प्रभात खबर के संवाददाता इजरायल अंसारी जब नदी थाना क्षेत्र के नया गांव बिनवलिया टोली, उदही-चिउरही, नैनहा दियारा आदि गांव का जब दौरा किया तो देखा कि लोगों का घर गंडक पानी घरों में घुस गया है. लोग ऊंचा स्थान पर जैसे धनहा-रतवल मुख्य मार्ग अपने पशुओं को भी लोग ऊंचे स्थान पर रख रहे हैं. इतना ही नहीं कितना लोग मचान बनाकर अपने घर के दरवाजे पर या घर के ऊपर शरण लिए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि बलुआ रेता, वीरता, सिसही, रत्नमाला रेता, कठहवा, पटियहवा,बगहवा टांड़, रतवल आदि दियारा क्षेत्र बाढ़ के पानी में डूबा हुआ. सबसे ज्यादा क्षति धान, गन्ना की फसल को होगी, जो अधिक दिन पानी रहने के चलते के फसल सड़-गल व बर्बाद हो जाएंगे. जिससे किसानों को आर्थिक क्षति होगी.
कमर से लेकर मुंह तक बह रहा है इन गांवों में बाढ़ का पानी
समाजसेवी व सरपंच प्रतिनिधि जगन्नाथ यादव ने बताया कि गंडक बराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद रजवटिया रेता, खैरटवा, सोहगीबरवा, चंदरपुर भिड़ारी, गद्दीयानी टोला, नरहवा आदि गांव में आज भी कमर से लेकर मुंह तक पानी बाढ़ का बह रहा है. जिससे ग्रामीण जनता परेशान है. एक तरह से देखा जाए तो यह गांव टापू की तरह बन गया है. चारों तरफ बाढ़ का पानी ही पानी नजर आ रहा है. ऐसे में पशुओं का चारा भी मिलना दुर्लभ है. किसान व लोग ऊंचे स्थान पर पलायन कर प्लास्टिक का पॉलीथिन तान कर गुजर बसर कर रहे है. उन्होंने प्रशासन से बाढ़ पीड़ितों को अनाज व आपदा प्रबंधन से मुआवजा की मांग किया है.