Bihar News: फसल क्षति मुआवजा नहीं मिलने पर बाढ़ पीड़ितों ने किया प्रदर्शन, प्रशासन की उदासीनता के खिलाफ की नारेबाजी
Bihar News: प्रशासन फसलों का मुआवजा नहीं देगी तो किसान अंचल सह जिला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करने को विवश होंगे.
Bihar News: बेतिया के नौतन में बाढ़ की विभीषिका झेलने वाले दियारावासी के दुख दर्द में जिला प्रशासन सहयोगी नहीं बन रहा है. इसके साथ ही बाढ़ की पानी में तैयार धान फसलों के मुआवजे नहीं मिलने के खिलाफ शिवराजपुर के किसानों ने शनिवार को जमकर प्रदर्शन किया और प्रशासन के विरोध में नारेबाजी की. किसान शेख परवेज़, शेख दुखी, शेख नजाम, शेख निजामुद्दीन, राजेश साह, हरिलाल साह, गोपीचंद चौधरी, सरफूदीन मियां, बन्हु साह, शंभू साह आदि ने कहा कि कुआर के महीने में कभी भी गंडक नदी के उफान से बाढ़ नहीं आयी है.
प्रशासन की उदासीनता के विरुद्ध की नारेबाजी
जब फसल तैयार हो गया तो अचानक बाढ़ की पानी में डूब गए. धान फसलों के उपर तीन फीट पानी बहने से फसल बुरी तरह बर्बाद हो गये हैं. किसान कर्ज लेकर खेती किये थे. तैयार धान फसलों के डूबने से किसान छाती पीटने को विवश हैं. बावजूद जिला प्रशासन के तरफ से किसानों के फसलों का मुआवजा नहीं दिया जा रहा है, इससे पीड़ित किसानों में आक्रोश कायम है. किसानों ने आगाह किया है. प्रशासन फसलों का मुआवजा नहीं देगी तो किसान अंचल सह जिला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करने को विवश होंगे.
बाढ़ पीड़ितों के बीच प्रतीक ने किया राहत सामग्री का वितरण
बेतिया चनपटिया विधानसभा के केशोबन टोला एवं सिरकैया गांव में बाढ़ से प्रभावित दर्जनों परिवारों को समाजसेवी एवं भाजपा नेता प्रतीक ई शर्मा द्वारा राहत सामग्री का वितरण कर राहत पहुंचाने का प्रयास किया गया. युवा साथियों के साथ मिलकर इस सेवा कार्य को सफल बनाया गया, जिसमें विशेष रूप से रितेश राय, संतोष साह, अक्षय राज सिंह, दिलीप कुशवाहा का सहयोग महत्वपूर्ण रहा. वह बेहद प्रशंसनीय हैं. हम सभी एकजुट होकर इस चुनौती का सामना करेंगे और अपने समाज के लोगों की मदद आखिरी सांस तक करते रहेंगे.
बाढ़ पीड़ितों के बीच प्लास्टिक का किया गया वितरण
बलिया बेलौन ग्राम पंचायत रिजवानपुर में अंचल कार्यालय से प्राप्त प्लास्टिक का वितरण शनिवार को बाढ़ पीड़ितों के बीच मुखिया तहमीद सद्दाम, राजस्व कर्मी ने किया. उन्होंने कहा की पीड़ित परिवार बाढ़ के पानी से घिरा है. प्लास्टिक मिलने से तत्काल राहत मिलेगी. उन्होंने कहा की रात के समय पशुओं को रखने में परेशानी होती थी. बाढ़ पीड़ितों की संख्या से कम मात्रा में प्लास्टिक मिला था.