पनियहवा पुल के पास गंडक नदी में डूबी नाव, एसडीआरएफ की टीम ने चारों लोगों को किया रेस्क्यू
बिहार-यूपी के बॉर्डर पर गंडक नारायणी नदी स्थित पनियहवा पुल के समीप बुधवार की देर शाम अचानक एक नाव पलट गई.
हरनाटांड़ . बिहार-यूपी के बॉर्डर पर गंडक नारायणी नदी स्थित पनियहवा पुल के समीप बुधवार की देर शाम अचानक एक नाव पलट गई. बताया जा रहा है कि नाव पिलर के पानी के भंवर के चपेट में आने बाद पुल के पिलर में टकरा गई और नाव पलटने से हादसा हुआ है. वहीं नाव के पलटते देख नाव पर बैठ चारों लोग ने पानी में कुद गये. और पानी के तेज रफ्तार में चार लोग फंस गए. चारों किसी तरह हिम्मत जुटाकर तेज धार के बीच पिलर के स्लैब तक पहुंचे.फिर वहां से मदद के लिए चिल्लाने लगे.पनियहवा गंडक नदी के तट पर मंदिर के महंत त्यागी दास ने बताया कि गंडक नदी की धारा के बीच से इंसान की चिल्लाने की आवाज आ रही थी. उन्होंने इसकी सूचना सालिकपुर पुलिस चौकी पर दी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने आवाज की हकीकत की तो नदी की धारा के बीच कुछ लोगों के फंसे होने की जानकारी मिली. पुलिसकर्मियों ने उच्चाधिकारियों को सूचना दी. इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए खड्डा एसडीएम ऋषभ पुंडीर के दिशा-निर्देश पर तहसीलदार महेश कुमार के नेतृत्व में एसडीआरएफ की टीम पहुंची और गंडक नदी में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. दो घंटे तक भारी मशक्कत करनी पड़ी. उसके बाद सभी नाविकों को बाहर निकाला गया.एसडीएम ऋषभ पुंडीर ने बताया कि सालिकपुर पुलिस चौकी से सूचना मिली कि एक नाव पनियहवा पुल के पास पलट गई हैं और चार लोग फंसे हुए हैं. इसको गंभीरता से लेते हुए लगभग दो घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मछुआरों को सुरक्षित बाहर निकाला. मछुआरों की शिनाख्त बिहार के बगहा के कैलाश नगर निवासी शैलेश साहनी, लोहा साहनी, राजकुमार, भुआली चौधरी के रूप में हुई और पूछताछ के बाद परिजनों को सूचित किया गया और सुबह परिजनों को चारों लोगों को सुपुर्द किया गया. उसके बाद मौके पर एसडीआरएफ टीम के साथ खड्डा विधायक विवेकानंद, नगर पंचायत अध्यक्ष अशोक निषाद आदि पुलिस कर्मी मौजूद थे. मछुआरों ने बताया कि सभी नारायणपुर घाट से दोपहर को लकड़ी लाने के लिए अप स्ट्रीम में गए थे. नाव पर लकड़ियां लादकर व मछली मार कर शाम वापस पनियहवा पुल के रास्ते लौट रहे थे. नदी में ज्यादा पानी होने से अचानक नाव पानी में डूबने लगी.. कुछ ही पल में तेज धारा के चलते नाव पलट गई. चार लोग कूद गए और पास मौजूद पुल के पिलर के चबूतरे पर चढ़कर मदद के लिए चिल्लाने लगे.
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