बीए पार्ट वन में ऑन स्पॉट एडमिशन के लिए आज अंतिम तिथि को ले कॉलेजों में मची रही अफरा तफरी

बीए पार्ट वन में मंगलवार को स्पॉट नामांकन संपन्न हो गया. सुबह से ही कॉलेजों में ऑन स्पॉट एडमिशन की घोषित अंतिम तिथि को लेकर कॉलेजों में अफरा तफरी मची रही.

By Prabhat Khabar News Desk | July 16, 2024 10:04 PM

बेतिया. बीए पार्ट वन में मंगलवार को स्पॉट नामांकन संपन्न हो गया. सुबह से ही कॉलेजों में ऑन स्पॉट एडमिशन की घोषित अंतिम तिथि को लेकर कॉलेजों में अफरा तफरी मची रही. नामांकन कराने के लिए आखिरी दिन होने को लेकर पैरबीकार के साथ बिचौलिए भी कॉलेज प्रशासन पर दबाव बनाते देखे गए. नगर के एमजेके कॉलेज और राम लखन सिंह यादव कॉलेज द्वारा स्पॉट नामांकन की मेधा सूची रविवार को ही जारी कर दी थी. सोमवार को नामांकन होने के बाद मंगलवार को अंतिम तारीख थी. मंगलवार के सुबह से ही अभ्यर्थियों ने नामांकन के लिए दौड़ लगाने शुरू कर दी. जिन छात्रों का नाम नहीं था वह भी विभिन्न कोटा का सहारा लेकर नाम लिखवाने के लिए भाग दौड़ करने लगे.वहीं कई विषयों में जहां सीटे बाकी थीं.उसी में नाम लिखवाने के लिए छात्रों को माथापच्ची करते हुए देखा गया. महारानी जानकी कुंवर कॉलेज और राम लखन सिंह यादव कॉलेज में इतिहास और भूगोल जैसे विषय से स्नातक में काफी कम सीटे बची होने के कारण कई छात्र मेरिट लिस्ट से बाहर हो गए.इसके बाद एमजेके कॉलेज में अर्थशास्त्र, राजनीतिक विज्ञान जैसे विषयों में नामांकन के लिए होड़ देखी गई. छात्रों का कहना था कि अब वह जिले के अन्य कॉलेजों में नामांकन के लिए अप्लाई करने का सोच रहे हैं. नगर के एमजेके कॉलेज और राम लखन सिंह यादव कॉलेज में नामांकन के लिए विषय वार अलग-अलग काउंटर बनाए गए थे. जहां हर विषय की मेधा सूची को चस्पा कर दिया गया था. जिससे कि छात्र-छात्राओं ने मेधा सूची में अपने नाम को देखकर नामांकन करना शुरू कर दिया. एमजेके कॉलेज के प्राचार्य प्रो. (डॉ) रवींद्र कुमार चौधरी ने बताया कि 2000 से भी ज्यादा छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया था, जिसके बाद छात्रों का कट ऑफ निकल गया. जिससे कि काफी संख्या में छात्रों की छंटनी हो गई.उर्दू, अर्थशास्त्र,मनोविज्ञान, संस्कृत आदि अनेक विषयों में विद्यार्थियों की रुचि और कम नामांकन होने को लेकर नामांकन का लक्ष्य हासिल करने के लिए निजी कॉलेजों का प्रबंधन जुगत लगाने में जुटा रहा. ऐसे में ऑन स्पॉट एडमिशन की तिथि आगे भी बढ़ने की चर्चा भी अनेक कॉलेजों में सुनी गई.

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