बेतिया . शहर के छावनी में आरओबी के उदघाटन से जिले के 14 प्रखंडो समेत नेपाल से कनेक्टीविटी अब सुगम हो गया. इस आरओबी के पूरी तरह से चालू हो जाने से जिलेवासियों को काफी राहत मिली है. करीब 103.36 करोड़ की लागत से निर्मित इस आरओबी की लंबाई करीब 1483 मीटर है. तीन हिस्सो में बने इस ओवरब्रिज के चालू होने से अब जिले के विभिन्न क्षेत्रों से जिला मुख्यालय में आनेवाले लोगो को काफी सहुलियत मिलेगी.
यहीं ओवरब्रिज है कि वर्ष 1917 में इसके लिए जनअदालत भी लगाया गया था. लोगो को आरोप था कि छावनी में जानबूझकर स्थानीय सांसद आरओबी नही बनवाना चाहते हैं. यह बात आज स्वंय रेलमंत्री ने भी खुले मंच से कह दी, लेकिन उन्होंने कहा कि मंत्री बनने से पूर्व से मैं जानता हूं कि इस पुल के लिए सांसद कितना संघर्षरत रहे हैं. यह उन्हीं के संघर्षरत रहने का नतीजा है कि छावनी आरओबी बनकर तैयार हो गया. आरओबी बनने से गंडक पार के चार प्रखंडों सहित बगहा व नरकटियागंज, सिकटा मैनाटांड़ जाना भी अब असान हो गया. वहीं छावनी में लगनेवाले जाम से भी अब निजात भी मिल गया. जाम के कारण चलते मरीजो को लेकर आ रहे एंबुलेंस और स्कूली बच्चों को लेकर आने जानेवाले बसों को भी अब घंटो इंतजार नहीं करना होगा. विदित हो कि छावनी आरओबी के तीन हिस्सों में से एक हिस्से पर परिचालन तो पहले से हीं आरंभ हो गया था, लेकिन उस पार में नरकटियागंज एवं मैनाटांड़की ओर उतरनेवाले पुल के हिस्से पर परिचालन अभी चालू नहीं हुआ था. जिसे आज से आम लोगो के लिए खोल दिया गया.
2018 में हुआ था शिलान्यास
बता दें कि वर्ष 2017 में 22 अप्रैल को बेतिया पहुंचे तत्कालीन रेल राज्य मंत्री मनोज कुमार सिन्हा ने इस आरओबी के निर्माण की हरीझंडी दी थी. जिसका शिलान्यास वर्ष 2018 में किया गया. जून 2020 से इस पुल का निर्माण कार्य आरंभ किया गया. शिलान्यास के छह वर्ष के बाद 2024 में एक हिस्से पर परिचालन आरंभ कर दिया गया. अब सभी हिस्सों में भी परिचालन आरंभ हुआ. सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी रही कि पुल के निर्माण के दौरान रेलवे ट्रेक के उपर पुल बनाने में कहीं भी किसी भी दिन मेगा ब्लॉक भी नही करना पड़ा.
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