पड़ोसी देश से रची जा रही चंपारण को नशे की दलदल में धकेलने की साजिश, बढ़ी तस्करी
पड़ोसी देश नेपाल में बैठे मादक पदार्थों की तस्करी में लगे किंगपिन चंपारण को नशे की दलदल में धकेलने की साजिश रच रहे हैं.
सतीश कुमार पांडेय, नरकटियागंज पड़ोसी देश नेपाल में बैठे मादक पदार्थों की तस्करी में लगे किंगपिन चंपारण को नशे की दलदल में धकेलने की साजिश रच रहे हैं. इन किंगपिनों के निशाने पर वैसे भारतीय बेरोजगार युवक व लोग हैं जिन्हे रूपयो की जरूरत है और वें कुरियर बन मादक पदार्थो की खेप भारतीय क्षेत्र में पहुंचा रहे हैं.
जनवरी माह से लेकर अब तक पुलिस व इंडो नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी ने तस्करो के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए जहां पांच करोड़ रूपये मूल्य के चरस व गांजा की जब्ती की है. वहीं दर्जनभर तस्करों को गिरफ्तार किया है. इंडो-नेपाल बॉर्डर क्षेत्र के सिकटा, इनरवा, पचरौता, भिखनाठोरी, मटियरिया, गौनाहा, बलबल समेत दर्जन भर उपर बीओपी के रास्ते मादक पदार्थो की तस्करी जारी है. हाल ही के दिनों में नामी गिरामी तस्कर व भारी मात्रा में चरस व गांजा जब्ती के मामाले में पुलिस व एसएसबी को सफलता मिली है. बीते 13 मार्च को शिकारपुर पुलिस ने 1.01 करोड़ रूपये मूल्य के अतिप्रशोधित चरस के साथ रामनगर के सगीर आलम के गिरफ्तार किया. गिरफ्तार तस्कर ने जो खुलासे किये उससे पुलिस प्रशासन के होश उड़े हुए हैं. थानाध्यक्ष अवनीश कुमार ने बताया कि सगीर ने पुलिस के समक्ष खुलासा करते हुए बताया कि वह दिल्ली के रोहिणी में किराये के मकान में रह कर चरस की तस्करी करता है. अगर ये खेप पहुंच जाती तो उसे सीधे तौर पर 50 लाख रूपये का मुनाफा हो जाता. सगीर के मुताबिक दिल्ली, मुबंई, कोलकाता समेत देश के कई महानगरों में चंपारण के युवा तस्करी को लेकर चप्पे चप्पे में फैल गये हैं.नशे की गिरफ्त में चंपारण का कोना कोना
कोट..
मादक पदार्थे की तस्करी के विरूद्ध लगातर कार्रवाई की जा रही है. सीमवर्ती थानों के थानाध्यक्षो को एसएसबी के साथ समन्वय स्थापति कर तस्करो के विरूद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. नेपाल में रह कर तस्करी करने वाले तस्करों को चिन्हित करने के लिए नेपाली पुलिस से भी समन्वय स्थापति की गयी है.
जयप्रकाश सिंह, एसडीपीओ नरकटियागंज