भ्रष्ट डीइओ ने काली कमाई छिपाने को बना लिया था ट्रस्ट, स्थापना पर कराई थी भव्य लक्ष्मी पूजा
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की विशेष टीम के हत्थे चढ़े डीइओ रजनीकांत प्रवीण के काले कारनामों की कहानी अब परत दर परत खुलने लगी है.
रवि ”रंक”, बेतियानिगरानी अन्वेषण ब्यूरो की विशेष टीम के हत्थे चढ़े डीइओ रजनीकांत प्रवीण के काले कारनामों की कहानी अब परत दर परत खुलने लगी है. इसमें बड़ी चर्चा बीते आठ से 13 नवंबर तक चनपटिया के राय धुर्वा मठ परिसर में डीइओ द्वारा भव्य स्वरूप में आयोजित लक्ष्मी नारायण महायज्ञ को है. इस महायज्ञ में जिला भर के सैकड़ों चुनिंदा शिक्षक और शिक्षा विभाग के छोटे बड़े अधिकारी डीइओ साहब के प्रति समर्पण का भाव के साथ सहभागी बने थे. इस महायज्ञ में चढ़ावा हजारों में और चंदा लाखों में आने की तब खूब चर्चा हुई थी.
उस महायज्ञ के यज्ञमान बेदी पर स्वयं डीइओ रजनीकांत प्रवीण और उनकी पत्नी सुषमा कुमारी बैठी थीं. इस महायज्ञ की पूर्णाहुति के साथ ही “राधा रमण सेवा ट्रस्ट ” की स्थापना की गई. जानकार बताते हैं कि वास्तव में जिला शिक्षा अधिकारी की पत्नी श्री प्रवीण की पत्नी सुषमा कुमारी की अध्यक्षता और आधिपत्य वाले इस ट्रस्ट की स्थापना के लिए ही लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का आयोजन किया गया था. इसका मूल उद्वेश्य इस कथित सेवा ट्रस्ट की आड़ में अपने रोबीले भ्रष्टाचार के बल पर उगाही गई करोड़ों की ब्लैक मनी को ह्वाइट बनाने का “खेल ” था. जानकार बताते हैं तब से अब तक डीईओ रजनीकांत प्रवीण का यह गोरख धंधा बखूबी फल फूल रहा था. प्रारंभ में प्रत्येक दिन और जारी शीतलहर की कड़क ठंड में भी जिला मुख्यालय के महाराजा पुस्तकालय के सभागार में इस ट्रस्ट की बैठक नियमित रूप से प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को होती रही है. डीईओ रजनीकांत प्रवीण के द्वारा इस ट्रस्ट को वर्ष 2025 में 100 करोड़ का कारोबारी संस्थान के रूप में स्थापित कर देने की जिम्मेदारी दी थी. इसका आंकलन इसी से किया जा सकता है कि इस राधा रमण सेवा ट्रस्ट के नाम पर एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है. जिसके एडमिन तक उन्नयन बिहार की स्थानीय इकाई के दबंग सदस्य बने हुए हैं.पांच हजार के चंदा को 50 हजार से पांच लाख तक बनाने का था खेल
इस ग्रुप से जुड़े अनेक सदस्यों के साथ अनेक जानकार लोगों ने बताया कि इस ट्रस्ट के लिए एनएच 727 में श्री लेडर शो रूप के अपोजिट और यामाहा शो रूम के बगल के एक तीन मंजिला भवन के ऊपर वाले दो फ्लोर को किराए पर लिया गया है. जिसको सुसज्जित करके मकर संक्रांति के दिन ही उद्घाटित कर देना था. इसके लिए उन्नयन बिहार में प्रतिनियोजित प्रत्येक शिक्षक को पांच पांच हजार का चंदा देना था. चंदा की रकम के साथ अपना आधार और पैन नंबर भी देना है. वास्तव में चंदा राशि के पावती रसीद की ऑफिस कॉपी में रकम केवल अंक में लिखकर उस पर दो से चार तक शून्य बढ़ाकर कैसबुक तैयार करने और उसी की आड़ में करोड़ों की ब्लैक मनी को ह्वाइट करने के योजना की पोल खुल जाने से कुछ लोग बैठक से कन्नी काटने लगे थे तो कुछ लेफ्ट भी हो गए हैं.ट्रस्ट के नाम पर जिला में करोड़ों की जमीन की जा चुकी है अर्जित
उन्नयन बिहार और जिला शिक्षा कार्यालय के जानकार सूत्रों ने बताया कि बैरिया के बैजूआ में करीब 30 एकड़ के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर भी लाखों की जमीन को नगद देकर ट्रस्ट के नाम पर निबंधित कराने के दस्तावेज में जमीन को दान में देना दिखाया गया है. जिससे रजिस्ट्री ऑफिस के लाखों की कर चोरी संभव हो सके. इसका खुलासा करने वालों ने बताया कि ट्रस्ट के गठन उसके कार्यालय और बैठक में शामिल और अन्य सदस्यों से प्रशासन पूछताछ करे तो कई अन्य बड़े खुलासे होंगे.
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