Bettiah News : एसडीजेएम शशांक शेखर ने पश्चिम चंपारण के पूर्व डीएम सह पंजाब कैडर के सीनियर आईएएस अधिकारी दिलीप कुमार के विरुद्ध धारा 295अ, 298, 323, 342, 427, 500 तथा 504 के अंतर्गत संज्ञान लेते हुए आपराधिक मुकदमा चलाने का आदेश दिया है. परिवादी सह अधिवक्ता ब्रजराज श्रीवास्तव की परिवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में दोबारा सुनवाई करते हुए एसडीजेएम ने यह आदेश पारित किया.
न्यायालय सूत्रों के अनुसार परिवादी ब्रजराज श्रीवास्तव ने 22 अगस्त 2008 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में डीएम दिलीप कुमार के खिलाफ एक परिवाद दायर किया था. मुख्य दंडाधिकारी ने परिवाद पर सुनवाई करते हुए परिवादी का शपथ पत्र पर बयान लेने के बाद इस परिवाद को खारिज कर दिया था.
जिसके विरुद्ध परिवादी ब्रजराज ने जिला जज के न्यायालय में क्रिमिनल रिवीजन दाखिल किया था. जिस पर सुनवाई करते हुए जिला जज ने भी क्रिमिनल रिवीजन को खारिज कर दिया था. उसके बाद परिवादी ने उच्च न्यायालय पटना में क्रिमिनल मिसलेनियस दायर किया था. जिस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय पटना ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तथा जिला जज के आदेश को निरस्त करते हुए अभियुक्त दिलीप कुमार के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने का आदेश दिया था.
उसके बाद डीएम दिलीप कुमार ने पटना उच्च न्यायालय के इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. इस मामले की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने पटना उच्च न्यायालय के आदेश को सही ठहराया था. इसी आदेश के आलोक में एसडीजेएम ने इस परिवाद पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया है.
Bettiah News : वक्तव्य से धार्मिक भावना को पहुंची ठेस
बता दें कि परिवादी ब्रजराज श्रीवास्तव ने 22 अगस्त 2008 को पूर्व डीएम दिलीप कुमार पर परिवाद दायर करते हुए आरोप लगाया था कि 12 अगस्त 2008 को कारनमिया कांड में जिलाधिकारी ने शांति समिति की बैठक बुलाई थी. उस बैठक में चनपटिया प्रखंड विकास पदाधिकारी के आमंत्रण पर परिवादी ब्रजराज श्रीवास्तव और विजय कश्यप भाग लेने गए हुए थे.
बैठक में दोनों ने करनेमया में महावीरी झंडा में झंडा फाड़ने और मूर्ति तोड़ने वाले व्यक्ति के ऊपर कारवाई नहीं होने की बात उठाई. आरोप है कि इस पर डीएम ने आपा खो दिया. दोनों को डीएम ने मीटिंग से अलग बैठा दिया. उसके बाद वह कुछ व्यक्तियों के साथ सादे लिबास में आए और परिवादी तथा विजय कश्यप के साथ गाली गलौज व मारपीट किये. परिवादी ने यह भी आरोप लगाया है कि उनके वक्तव्य से धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है.
उसके बाद जिलाधिकारी ने नियम विरुद्ध हाथ में हथकड़ी लगाकर उन्हें नगर थाने की हाजत में बंद करवा दिया. परिवादी ने यह भी आरोप लगाया है कि हाजत से भी निकाल कर उनके साथ मारपीट की गई. उसके बाद जबरदस्ती उन्हें 12:00 बजे रात में जेल भेज दिया गया.
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