एमजेके कॉलेज के भवन निर्माण में धांधली और घटिया सामानों के उपयोग का आरोप लगा किया हंगामा
एमजेके कॉलेज में बन रहे स्नातकोत्तर भवन के निर्माण में धांधली और घटिया सामानों के उपयोग का आरोप लगा बुधवार को विभिन्न छात्र संगठन के छात्र नेताओं ने हंगामा किया.
बेतिया. एमजेके कॉलेज में बन रहे स्नातकोत्तर भवन के निर्माण में धांधली और घटिया सामानों के उपयोग का आरोप लगा बुधवार को विभिन्न छात्र संगठन के छात्र नेताओं ने हंगामा किया. आंदोलित छात्र नेताओं ने निर्माणाधीन भवन का एस्टीमेट प्रस्तुत करने और साइट इंचार्ज अभियंता को बुलाने की मांग कर रहे थे. छात्र नेताओं ने कहा कि निर्माण कर रहे ठेकेदार द्वारा अमानक और पतला छड़ का उपयोग किया जा रहा है. प्लिंथ लेबल पर लिंटल लगाए बिना जोड़ाई और पहले तल के छत की ढलाई में आठ एमएम छड़ इस्तेमाल किया जा रहा है. ऑल आंदोलित छात्र नेताओं में शामिल आइसा के जिलाध्यक्ष अभिमन्यु राव के ने कहा कि कॉलेज में विभिन्न स्थानों पर निर्माण कार्य और मरम्मत कार्य हो रहा है. जबकि किसी भी निर्माण कार्य का निर्माण स्थल पर न तो प्राक्कलित राशि वाली बोर्ड लगाया है और ना ही उस कार्य का ब्योरा है. जिससे योजना का डिटेल देखा जा सके. एनएसयूआई के राजमणि मिश्रा और सिद्धार्थ शुक्ला का आरोप था कि कहा की कॉलेज प्राचार्य अपने चहेतों को विभिन्न पदों सहित सुरक्षा व्यवस्था के लिए लगाए हुए हैं. वहीं छात्र राजद के बब्बर यादव ने कहा कि इस निर्माण कार्य में तय मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है. घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर ठेकेदार द्वारा एक नंबर ईंट की जगह तीन नम्बर ईंट का इस्तेमाल किया जा रहा है. निर्माण में लोकल छड़ का इस्तेमाल हो रहा है और छड़ भी सही मात्रा में नहीं दी जा रही है. सभी छात्र नेताओं ने निर्माण में धांधली की उच्चस्तरीय जांच की मांग की. छात्र नेता सोनू चौबे ने कहा कि महाविद्यालय प्रशासन घटिया निर्माण करा छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है. छात्रनेता प्रशांत मिश्र ने भी कॉलेज प्रशासन पर तमाम आरोप लगाए. इधर प्रो. (डॉ) रवींद्र कुमार चौधरी ने कहा कि छात्र नेताओं द्वारा लगाया जा रहा आरोप अनर्गल और कॉलेज प्रशासन पर दबाव बनाने के लगाया जा रहा है. प्राचार्य प्रो चौधरी ने कहा कि प्रत्येक निर्माण कार्य की मैं खुद से इसकी निगरानी कर रहा हूं. संवेदक के द्वारा भी खुद से रोज सुपरवाइज करते रहते हैं. इंजीनियर को इंस्ट्रक्ट करते रहते हैं. छत में आठ और दस एमएम छड़ प्राक्कलन के अनुरूप है.
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