बेतिया . जिले में आठवीं तक की पढ़ाई वाले सरकारी मान्यता प्राप्त 130 से ज्यादा निजी स्कूलों से विगत मार्च में 8वीं उत्तीर्ण करीब आठ हजार छात्र छात्राओं के अनिवार्य स्कूली शिक्षा जैसे मौलिक अधिकारों पर संकट खड़ा हो गया है. इन बच्चों के साथ उनके उनके अभिभावकों का कसूर सिर्फ इतना है कि वर्षों से बदहाल सरकारी स्कूलों से अच्छी शिक्षा के लिए निजी स्कूलों दाखिला करवाया था. लेकिन अब आठवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इन बच्चों का नौवीं कक्षा में नामांकन नहीं हो पा रहा. रविवार को नगर के संत कोलंबस हाई स्कूल के सभागार में संपन्न जिला प्राइवेट स्कूल एवम स्टूडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक में आक्रोश पूर्ण खेद जताया गया. एसोसिएशन के पीड़ित वक्ताओं ने ऐसी स्थिति के लिए शिक्षा विभाग की भेदभाव पूर्ण नियमावली और जिला शिक्षा कार्यालय की करगुजारियों को जिम्मेदार ठहराया गया. अनेक वक्ताओं ने कहा कि उपरोक्त कोटि के जिन स्कूलों में ये बच्चे अध्ययन कर रहे हैं उन स्कूलों को जिला शिक्षा कार्यालय से अब तक क्यूआर कोड आवंटित नहीं किया गया है. ना ही हमारे स्कूलों को किसी स्कूल में टैग किया गया है. जिसकी वजह से उन स्कूलों की टीसी पर सरकारी हाई स्कूलों में इन बच्चों का नामांकन नहीं किया जा रहा. इससे बच्चों को जहां अपने भविष्य की चिंता सता रही है, वहीं अभिभावक व संबंधित निजी विद्यालय प्रबंधन को परेशान कर रहे हैं.अनेक वक्ताओं ने बताया कि हम से भी बदतर व्यवस्था और भवनों की स्थिति वाले सरकारी स्कूलों बजाय हमें जिला कार्यालय से प्रताड़ित किया जा रहा है.जबकि हम में से ही दर्जनों स्कूलों के संबंधित संभाग में शरणागत होने वाले निजी स्कूलों को भी क्यूआर कोड आवंटित कर दिया गया है. रविवार को शहर के संत कोलम्बस हाई स्कूल में प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक के बाद एसोसिएशन की ओर से आयोजित प्रेस वार्ता में जिला सचिव अब्दुल्ला उर्फ अरशद सरहदी ने कहा कि जिले के करीब 150 निजी स्कूलों को क्यूआर कोड आवंटित नहीं किया गया है. इसकी वजह से उन स्कूलों में आठवीं कक्षा उत्तीर्ण कर चुके करीब आठ हजार से अधिक बच्चों का नौवीं में नामांकन नहीं हो पा रहा. जबकि पूर्व में इन स्कूलों को जिला शिक्षा कार्यालय से प्रस्वीकृति कोड आवंटित किया गया था. इसके तहत ये स्कूल प्रत्येक वर्ष आरटीई के तहत अभिवंचित वर्ग के बच्चों का निःशुल्क नामांकन से लेकर यू डायस प्रपत्र भरते आ रहे हैं. बावजूद इसके उन्हें क्यूआर कोड नहीं दिया जा रहा. इससे उनके नांमाकन का संकट उत्पन्न हो गया है. जिला सचिव ने कहा कि इस मामले में डीईओ से बार बार अनुरोध के बावजूद कोई नतीजा नहीं निकल सका है. एसोसिएशन की ओर से जिलाधिकारी के समक्ष भी इस समस्या को रखा जा चुका है. हालांकि अब तक उसका भी कोई परिणाम नहीं आ सका है. बाध्य होकर अब निजी स्कूल आंदोलन के मूड में आ गए हैं. यदि शीघ्र ही इस समस्या का हल नहीं निकाला जाता है तो बच्चों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए एसोसिएशन आंदोलन को बाध्य होगा. प्रशासन से अनुमति लेकर डीईओ ऑफिस पर धरना प्रदर्शन करने का एसोसिएशन के नेताओं ने ऐलान किया. मौके पर अध्यक्ष मो. नूरैन खान, सचिव अबदुल्लाह उर्फ अरशद सरहदी, सनत कुमार होत्री,इरशाद हुसैन, कमलेश साह, नीरज श्रीवास्तव,मधुरेंद्र मिश्र, वसीउल्लाह खान , नवल किशोर सिंह, रविन्द्र सिंह, अनिल गुप्ता सहित सभी प्रखंडों के अध्यक्ष सचिव आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किया.
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8वीं उत्तीर्ण आठ हजार छात्रों की शिक्षा पर संकट
8वीं उत्तीर्ण करीब आठ हजार छात्र छात्राओं के अनिवार्य स्कूली शिक्षा जैसे मौलिक अधिकारों पर संकट खड़ा हो गया है.
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