निजी पोखरा से वन कर्मियों व मछुआरों ने मगरमच्छ का किया रेस्क्यू, गंडक नदी में छोड़ा
वीटीआर के सीमावर्ती इलाकों में सांप एवं मगरमच्छ को निकलने का सिलसिला थम नहीं रहा है.
हरनाटांड़. वीटीआर के सीमावर्ती इलाकों में सांप एवं मगरमच्छ को निकलने का सिलसिला थम नहीं रहा है. इसी क्रम में लौकरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत रामपुर स्थित रामपुर निवासी पारस चौधरी के पोखरा से मदनपुर वन प्रक्षेत्र के वन कर्मियों व मछुआरों की सहायता से एक मगरमच्छ का रेस्क्यू किया गया है. उक्त मगरमच्छ पोखरा के अंदर मछलियों को अपना निवाला बना रहा था. वहीं रामपुर निवासी पारस चौधरी ने बताया कि निजी पोखरा में लगभग 15 दिनों से एक मगरमच्छ घुस गया था, जो लाखों रुपये की मछलियों को खा गया है. उन्होंने बताया कि एक सप्ताह पूर्व निजी खर्चे पर मछुआरों से मगरमच्छ को निकालने का प्रयास किया गया था. लेकिन मगरमच्छ पकड़ से बाहर रहा और 3000 की आर्थिक नुकसान उठानी पड़ी थी. वहीं दूसरा प्रयास शुक्रवार को वन कर्मियों की तैनाती में किया गया. जिसमें मगरमच्छ मछुआरों के जाल में फंस गया और उसे सुरक्षित पोखरा से बाहर निकल गया. जिसके बाद पकड़े गए मगरमच्छ को वन विभाग को सुपुर्द कर दिया गया है. इस बाबत मदनपुर प्रक्षेत्र के रामपुर वन परिसर के वनरक्षी गौरीशंकर दुबे ने बताया कि सूचना मिली कि रामपुर निवासी पारस चौधरी के निजी पोखरा में एक मगरमच्छ आशियाना बनाया हुआ है और वह मछलियों को निवाला बना रहा है. सूचना को गंभीरता से लेते हुए वन कर्मियों की टीम के साथ पोखरे पर पहुंच कर मछुआरों व वन कर्मियों की टीम के साथ भारी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को रेस्क्यू कर किया गया. जिसे वन क्षेत्र कार्यालय लाया गया तथा जांच के उपरांत उसे गंडक नदी में सुरक्षित छोड़ दिया गया. गौरतलब हो कि वीटीआर के वन क्षेत्रों के जंगलों के समीप गंडक नदी, भपसा, हरहा आदि नदी से मगरमच्छों का रिहायशी क्षेत्रों में पलायन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन मगरमच्छ पहाड़ी नदियों से निकलकर रिहायशी इलाकों के तालाब में पहुंच जा रहे हैं. जिन्हें वन कर्मियों की टीम लगातार सांप व मगरमच्छों को रेस्क्यू कर गंडक नदी व जंगल में छोड़ रहे है.
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