बेतिया. विभिन्न अंचल क्षेत्र में वर्षों से संचालित दो सौ से भी ज्यादा प्राइवेट स्कूलों पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है. क्योंकि सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जिला में कुल 645 निजी स्कूल संचालित पाए गए हैं.जबकि इनमें से करीब तीन सौ को ही जिला शिक्षा कार्यालय स्तर से सरकारी मान्यता वाला क्यू आर कोड अब तक आवंटित हो पाया है. इनके अतिरिक्त मानक अर्हता पूरी करने के ऑनलाइन दावेदारी के साथ करीब पांच दर्जन प्राइवेट स्कूल जिला शिक्षा कार्यालय की विहित प्रक्रिया के पाइप लाइन में फंस कर स्वीकृति प्राप्त होने की राह देख रहे हैं. जहां से आठवीं पास कर चुके करीब एक हजार छात्र छात्राओं का अब तक कक्षा 9 में नामांकन और वर्ष 2025 की मैट्रिक बोर्ड परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है. जिसके कारण उक्त स्कूलों के संबंधित विद्यार्थियों के साथ स्कूल प्रबंधन की भी महीनों से नींद हराम हो गई है. प्राथमिक शिक्षा निदेशक के साथ वेब कांफ्रेंसिंग मीटिंग में शामिल होने वाले अनेक स्कूल संचालकों ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बताया कि शिक्षा विभाग के स्तर से केवल पक्का छतदार भवन वाले स्कूलों को ही मान्यता वाला क्यू आर कोड जारी होने का कोई आदेश या प्रावधान नहीं है. प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र द्वारा भी यह बात हमारी मीटिंग में कही गई है.लेकिन जिला स्तर पर कुछ अलग आदेश और अनिवार्यता जारी की गई है. एक एक निजी स्कूल का भी सरकारी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य : डीपीओ
समग्र शिक्षा के डीपीओ मनीष कुमार सिंह बताते हैं कि फिलहाल किसी भी निजी स्कूल को बंद कर देने का कोई विभागीय आदेश प्राप्त नहीं है.लेकिन शिक्षा विभाग के द्वारा सभी स्तर के निजी स्कूलों के लिए भी ई.संबंधन पोर्टल अथवा ज्ञान दीप पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से एक एक स्कूल का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है.डीपीओ श्री सिंह ने बताया कि जो स्कूल भवन उपस्कर के साथ मानक अर्हता पूरी करने का दावा कर रहे हैं उनको ई.संबंधन पोर्टल पर ऑन लाइन आवेदन करना है. जो निजी विद्यालय मानक अर्हता पूरी करने में फिलहाल सक्षम नहीं हैं उनको भी शिक्षा विभाग के ज्ञान दीप पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपना ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन अविलंब कर ही लेने का आदेश है.
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