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सुसाइड व मर्डर के भयावह आंकड़ों को दिखा रही हैं फंदे से झूलती लाशें

नंदपुर वार्ड 4 की रहने वाले अशोक पड़ित का परिवार आज से नौ माह पहले खुशहाल था.

सतीश कुमार पांडेय, नरकटियागंज. नंदपुर वार्ड 4 की रहने वाले अशोक पड़ित का परिवार आज से नौ माह पहले खुशहाल था. पत्नी राजनंदिनी और इकलौता बेटा पप्पू इस परिवार की खुशहाली के वजह थे. लेकिन फरवरी में मोबाइल की जिद में इस परिवार की खुशियां ऐसी बिखेरी अब अशोक अकेले हैं और बदहवास पड़े हैं. पहले बेटे ने फंदे से खुदकुशी कर ली तो अब बेटे के वियोग में पत्नी राजनंदिनी ने भी उसी कमरे से फंदे से झूलकर मौत को गले लगा लिया है. अशोक के इस घर में अब मातम है और कभी नहीं खत्म होने वाली एक अजीब सा सन्नाटा पसर गया है. अशोक और राजनंदिनी का परिवार तो महज एक बानगी है. आंकड़ों पर गौर करें तो राजनंदनी की तरह पिछले नौ माह के अंदर किसी न किसी कारण से 17 लोग फंदे से लटक इस दुनिया को छोड़ चल गये. दो माह ही पहले 24 सितंबर को नगर के आर्य समाज मंदिर रोड में पिंटू कुमार महज इसलिए पंखे से लटक गये कि उनकी किसी बात को लेकर पत्नी से अनबन हो गयी थी. इससे पूर्व नगर के पांडेय टोला की सोनी देवी इसलिए मौत के फंदे से लटक जाती है कि उसे गंभीर बीमारी है और वो ठीक नहीं हो सकता. कहानी यही खत्म नहीं होती अपनी ही पतोहू की हत्या के मामले में पूछताछ के लिए लायी गयी संभा देवी पुलिस वालों की नजरों से ओझल होकर पुलिस बैरक में ही इसलिए लटक कर जान दे दी की एक दिन पहले संदिग्ध स्थिति में उसकी पतोहू अंतिमा की लाश फंदे से लटकी मिली थी. पुलिस वाले मामले में अभी पूछताछ करने वाले थे इससे पहले उसने कपड़ा बदलने के नाम पर बैरक को बंद कर लिया और फंदे से लटक गयी. फरवरी से लेकर अब तक के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो नौ माह के अंदर 17 लोगो ने मौत को गले लगाकर एक प्रकार से जता दिया है कि वें कही न कही किसी अवसाद से ग्रसित थे. —————————- तीन माह के अंदर सात ने गवाई जान तीन माह के अंदर यहां सात लोगों की फंदे से लटकती लाश मिली है. आंकड़ों पर गौर करें तो आठ अगस्त को नंदपुर निवासी अतुल्लाह देवान की फंदे से लटकता शव मिला. 27 अगस्त को गदियानी गांव में असमीना खातुन फंदे से लटकी मिली. 30 अगस्त को कोइरगावा निवासी रंजीत मिश्र ने फंदे से लटक कर जान गंवा दी तो तीन सितंबर को बुढ़वा चंपापुर की सोनी कुमारी और 6 सितंबर को पांडेय टोला में सोनी देवी और 24 सितंबर को आर्य समाज मंदिर रोड के पिंटू कुमार की फंदे से झूलती लाश मिली. फिर 19 नवम्बर को नन्दपुर वार्ड 4 की रजनदंनी. ———— नौ माह से इनकी मिली फंदे से लटकती लाशें 2 फरवरी: नगर के वार्ड संख्या 4 के पप्पू कुमार ने मोबाइल नहीं मिलने पर फंदे से लटक दी जान 6 फरवरी: नंदपुर वार्ड 4 के विकास पटेल का शव फंदे से लटका मिला 10 अप्रैल: अंजुआ की अंजू देवी का फंदे से लटका मिला शव 19 अप्रैल: केसरिया पंचायत में 15 वर्षीय अंजुली खातून ने की खुदकुशी 21 अप्रैल: महुअवा में अंतिमा कुमारी 20 वर्ष की फंसे से लटकी मिली लाश 22 अप्रैल: शिकारपुर थाना परिसर के महिला बैरक में संभा देवी ने फंदे से लटक कर ली खुदकुशी 17 मई: भसुरारी में 16 वर्षीय खुशबू कुमारी ने फंदे से लटक दी जान 9 जून: डी के शिकारपुर में कंचन देवी शव फंदे से लटका मिला 24 जून: नगर के वार्ड संख्या तीन की तेहेबुन प्रवीण का शव फंदे से लटका मिला 8 अगस्त: नंदपुर निवासी अतुल्लाह देवान ने फंदे से लटक की खुदकुशी 27 अगस्त: गदियानी गांव में असमीना खातुन का शव फंदे से लटका मिला 30 अगस्त: कोइरगावा निवासी रंजीत मिश्र ने फंदे से लटक समाप्त कर ली इहलीला 03 सिंतबर: बुढ़वा चंपापुर निवासी सोनी कुमारी की फंदे से लटकी मिली लाश 6 सितंबर: पांडेय टोला निवासी संतोष कुमार की पत्नी सोनी देवी की पंखे से लटकी मिली 24 सिंतबर: आर्य समाज मंदिर रोड निवासी पिंटु कुमार ने फंदे से लटक की खुदकुशी 19 नवंबर: नंदपुर वार्ड 4 निवासी अशोक पड़ित की पत्नी राजनदंनी का शव फंदे से लटका मिला फंदे से लटकने की घटनाएं मिली है. ऐसे मामलों की जांच एफएसएल टीम से भी करायी जा रही है. थानाध्यक्षों को खुदकुशी जैसे मामलों में गंभीरता से जांच करने का निर्देश दिया गया है. जयप्रकाश सिंह, एसडीपीओ आत्महत्या के कारणों में अवसाद सबसे प्रमुख है. इसके अलावा पारिवारिक समस्या, अचानक आयी कोई विपत्ति और आर्थिक परेशानी भी बड़े कारक हैं. लाइलाज बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति भी प्रायः आत्महत्या का कदम उठा लेते हैं. डिप्रेशन जैसे मनोदशा विकार से पीड़ित लोगों में इसकी दर ज्यादा होती है. ऐसे मामलों में काउंसेलिंग बेहद जरूरी है. यदि परिवार के किसी सदस्य में व्यवहार परिवर्तन हो रहा है तो निसंकोच विशेषज्ञ के पास उन्हें ले जाना चाहिए. डॉ धनंजय पांडेय, विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान आरएलएसवाई कॉलेज

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