नरकटियागंज. प्रखंड के बनवरिया पंचायत के मढ़िया पिपरा टोला गांव के समीप हड़बोड़ा नदी में डूबी दो बहनों में से छोटी बहन मूराती कुमारी की लाश रविवार को ग्रामीणों ने बरामद कर ली थी. जबकि बड़ी बहन नंदिनी नदी में लापता हो गई थी. दूसरे दिन सोमवार को लापता नंदिनी का शव नदी में मिल गया. एसडीआरएफ की टीम ने नंदिनी के शव को बरामद कर लिया. इसके साथ ही दोनों बहनों की मौत की पुष्टि होने के साथ कोहराम मच गया. थानाध्यक्ष अवनीश कुमार ने बताया कि रविवार को हड़बोड़ा नदी में डूबी तीन छात्राओं में से दो का शव बरामद कर लिया गया है. एसडीआरएफ टीम की मदद से अशोक चौधरी की दूसरी पुत्री नंदिनी का शव निकाला गया है. बता दें कि रविवार को जयमंगलपुर गाव में ट्यूशन पढ़ने के दौरान मढ़िया पिपरा गांव निवासी अशोक चौधरी की बेटी मुराती कुमारी, नंदिनी कुमारी और स्व. विनोद साह की बेटी निर्मला कुमारी डूब गयी थी. हालांकि निर्मला को बचा लिया गया और वो घर पहुंच गयी है. पानी में डूब गया मां बाप को बेटियों को पढ़ाने का अरमान नरकटियागंज . दिपावली और छठ पर्व से पहले नरकटियागंज के मढ़िया पिपरा गांव के अशोक चौधरी और मानती देवी के घर दुखों का अंबार लग गया. बेटियों को पढ़ाने की ललक धराशायी हो गयी और जिस मां बाप ने ये अरमान सजाएं थे कि बेटिया पढ़ेंगी तो आगे बढ़ेंगी वो सपने और अरमान ही हड़बोड़ा नदी के पानी में डूब गया. रविवार को हड़बोड़ा नदी का वह तट जहां कुछ दिन बाद छठ पूजा के गीत सुनाई देने वाले थे, वहां आज आज रोती बिलखती मां, सिसकते और बदहवास पिता के साथ साथ दो छोटे छोटे भाई मुरारी निप्पु और बहन राजपति की चीख पुकार से दहल रहा था. मासूम मुराती के शव के पास मां मानती दहाड़े मार रही थी तो पिता खुद गहरे पानी में दूसरी बेटी नंदनी को आंखो में आंसू लिए तलाश रहे थे. चारों तरफ चीख पुकार चित्कार और दो बेटियों की मौत की आहट से जयमंगलापुर, मड़िया, पिपरा, धुमनगर, मटियरिया समेत आस पास के गावो के लोग हड़बोड़ के तट पर पहुंचने लगे और उठने लगी आवाज अगर गांव में स्कूल होता नदी पर पुल होता तो एक परिवार नदी के तट पर नहीं बिलखता और ना ही तड़पता पर्व त्यौहार की खुशियां इस दिपावली और छठ में भी बरकारार रहती. —————— गांव में नहीं है स्कूल प्रखंड के बनवरिया पंचायत का यह गांव अपने पंचायत मुख्यालय से कटा हुआ है. यहां आज तक स्कूल की स्थापना नहीं हुई. मटियरिया का स्कूल यहां से तीन किलोमीटर दूर पड़ता है. जहां प्राथमिक कक्षा के बच्चों का पहुंचना संभव नहीं है. विवशता में यहां के बच्चे हड़बोड़ा नदी पार कर जयमंगालापुर पढ़ने जाते है. प्राथमिक और मध्य विद्यालय की शिक्षा नदी पार कर जयमंगलापुर में ही लेते है. नदी पर पुल भी नही है. आज गांव में विद्यालय का न होना और नदी पार करना हादसे का कारण बन गया.
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