बेतिया . मुफस्सिल पुलिस द्वारा शराब मामले में गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजे गये कैदी की रविवार को इलाज के लिए अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गयी. तीन दिन पहले 18 अप्रैल को पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की थी. इधर, बंदी के मौत की सूचना पर अस्पताल में पहुंचे परिजनों ने हंगामा किया. परिजनों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाया है. हालांकि पुलिस का दावा है कि रविवार की सुबह मंडल कारा में कैद विचाराधीन बंदी मझौलिया थाना क्षेत्र के बिनवलिया वार्ड नंबर 13 निवासी रामबालक मुखिया 45 वर्ष की तबीयत खराब हो गयी. उसे मंडलकारा बेतिया से इलाज के लिए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले आया गया लेकिन अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बंदी रामबालक मुखिया (45) की मौत रास्ते में ही हो गयी थी. जेल सुपरिंटेंडेंट अमरजीत सिंह ने बताया कि शराब के मामले में रामबालक मुखिया 19 अप्रैल को जेल में आया था. वह बीमार था. 19 और 20 अप्रैल को इलाज के लिए उसे जीएमसीएच में भेजा गया था. रविवार को भी इलाज के लिए उसे जीएमसीएच ले जाया गया इसी बीच उसकी मौत हो गई. मुफस्सिल थानाध्यक्ष ज्वाला सिंह ने बताया कि रामबालक मुखिया को चार दिन पहले पिपरा से 12 लीटर शराब के साथ पकड़ा गया था. मामले में एफआईआर दर्ज कर उसे जेल भेजा गया था. इधर मौत के बाद अस्पताल के पुलिस चौकी के दारोग़ा सुधांशु शेखर प्रसाद सिंह व प्रशिक्षु दारोग़ा विजय कुमार जीएमसीएच पहुंचें. शव का पंचनामा कर पोस्टर्माटम के लिए भेजा.
तीन दिन पहले गिरफ्तार बंदी की मौत, हंगामा
बंदी रामबालक मुखिया (45) की मौत रास्ते में ही हो गयी थी.
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