नरकटियागंज पहुंचे जिला जज ने जेल व न्यायिक अधिकारियों के आवास निर्माण के लिए भूमि चयन का दिया निर्देश
न्यायिक अधिकारियों के लिए आवास, जेल और प्रखंड परिसर में कोर्ट निर्माण के लिए जिला जज प्रजेश कुमार नरकटियागंज पहुंचे.
नरकटियागंज . न्यायिक अधिकारियों के लिए आवास, जेल और प्रखंड परिसर में कोर्ट निर्माण के लिए जिला जज प्रजेश कुमार नरकटियागंज पहुंचे. जिला जज ने अधिकारियों को आवास, जेल निर्माण को लेकर शीघ्र भूमि चयन करने का निर्देश दिया. जिला जज सबसे पहले प्रखंड परिसर में बनने वाले कोर्ट के लिए चयनित विवाह भवन के बगल वाली भूमि का अवलोकन किया और जानकारी ली. जिला जज के साथ अधिकारियों की टीम बिनवलिया पहुंची. जहां जेल भवन के निर्माण के लिए जमीन प्रस्तावित है. हालांकि नरकटियागंज कोर्ट एवं बिनवालिया के बीच रास्ते में रेलवे क्रॉसिंग होने के चलते जिला जज ने कहा कि कोई दूसरी जमीन हो तो देखिए. जिसमें रेलवे क्रॉसिंग नहीं हो. एसडीएम सूर्यप्रकाश गुप्ता ने बताया कि प्रशासन की तरफ से बिनवालिया में जमीन प्रस्तावित की गई है. हालांकि बीच में रेलवे क्रॉसिंग होने के चलते जिला जज ने दूसरी जमीन देखने की सलाह दी है. एसडीएम ने कहा कि पहले मुरलीडीह में जेल भवन के लिए भूमि प्रस्तावित थी. हालांकि कुछ और जगहों पर जमीन देखी जा रही है. जिला जज के साथ सब जज नसीम नजर, मुंसफ संजीव कुमार समेत प्रशासनिक व न्यायिक अधिकारी व कर्मी शामिल रहे. दो वर्षों से भूमि के पेंच में फंसा है आवास व जेल निर्माण नरकटियागंज में पिछले दो वर्षो से न्यायिक अधिकारियों के आवास व जेल का निर्माण भूमि के पेंच में फंस कर रह गया है. इससे पहले मुरलीडीह सरेह में न्यायिक पदाधिकारियों के आवास के साथ ही मुरलीडीह के बगल में ही 10 एकड़ भूमि जेल निर्माण के लिए चिन्हित किया गया था. बीते 5 अप्रैल को पटना उच्च न्यायालय के निरीक्षी न्यायाधीश प्रभात कुमार सिंह ने यहां निरीक्षण भी किया. सिविल कोर्ट, प्रखंड के विवाह भवन के बगल में चयनित 3 एकड़ भूमि इसके अलावा मुरलीडीह सरेह में न्यायिक पदाधिकारियों के आवास को लेकर 3 एकड़ भूमि और जेल निर्माण को लेकर मुरलीडीह के बगल में 10 एकड़ प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण किया था. इससे पहले जेल बनने के लिए मथुरा में 10 एकड़ भूमि चिन्हित की गयी थी लेकिन विवाद के कारण वहां जेल निर्माण को लेकर मुरलीडीह से आगे भूमि का चिन्हित किया गया. अब बिनवलिया में भूमि चिन्हित को लेकर प्रशासन द्वारा दिये गये प्रस्ताव में रेलवे क्रासिंग सबसे बड़ी बाधा बन रही है.
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