बगहा/चौतरवा. चंपारण तटबंध टूटने की गांव पानी में डूबा सैकड़ों एकड़ फसलों का नुकसान हुई है. कटाव स्थल पर बांधने का कार्य किया जा रहा है. रात में डीएम दिनेश कुमार राय ने स्वयं घटनास्थल का निरीक्षण किया और निरीक्षण के दौरान देर रातों तक पूरे टीम के साथ चंपारण तटबंध से प्रभावित हुए खैरटवा, रजवटिया सहित सभी गांव के लोगों को पानी से बाहर निकलने और उनकी सहायता करने का लगातार निर्देश देते रहे. वहीं डीएम के आदेश पर टूटे हुए बांध की मरम्मति कार्य भी शुरू हो गया है. वही डीएम के साथ एडीएम राजीव कुमार सिंह, एसडीएम गौरव कुमार, एसपी सुशांत कुमार सरोज निरीक्षण किए है और इस दौरान विधि व्यवस्था कायम रहे इसको लेकर देर रातों तक सभी अधिकारी लगे रहे. इतना ही नहीं सोमवार की अहले सुबह बगहा एसडीपीओ कुमार देवेंद्र दलबल के साथ एवं चौतरवा थानाध्यक्ष दलबल के साथ पहुंचे. एसडीएम ने किया निरीक्षण बगहा अनुमंडल पदाधिकारी गौरव कुमार (भा.प्र.से.) द्वारा टूटे हुए चंपारण तटबंध का स्थित चखनी-रतवल बांध का निरीक्षण किया गया एवं अभियंताओं को निर्देश दिया गया कि गुणवत्ता पूर्वक कटाव रोधी कार्य को कराये. लापरवाही बरतने पर कार्रवाई तय है. बताते चले कि देर रात तक एसडीएम भी बाढ़ की पानी और आपदा से जूझते रहे लोगों के बीच में रहे. सुबह होते ही पुन: पहुंच कर सीओ और अन्य अधिकारियों को निर्देशित भी किया. स्वास्थ्य सुविधा के लिए पहुंची एंबुलेंस डीएम प. चंपारण के निर्देश पर अनुमंडलीय अस्पताल बगहा से मेडिकल टीम के साथ दो एंबुलेंस रात में पहुंची और बाढ़ से प्रभावित लोगों का जांच कर आवश्यक दवा भी दिया गया. डॉक्टर की टीम भी देर रात तक स्वास्थ्य कर्मियों के साथ उपस्थित रही. वहीं मवेशियों का भी इलाज के लिए डॉक्टर की व्यवस्था की गयी थी. डॉक्टर द्वारा भी रात गुजार कर इलाज किया गया. चंपारण तटबंध पर बना दबाव से अगस्तिया गांव स्थित दारोगा चौक पर टूटा तटबंध बगहा एक के चखनी-रजवटिया से रतवल जाने वाली चंपारण तटबंध नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के साथ इधर लगातार भारी वर्षा होने के कारण गंडक का जलस्तर काफी बढ़ गया है. जिससे गंडक बराज से करीब छह लाख क्यूसेक पानी को छोड़ा गया था. जिसके कारण गंडक नदी में प्रलयंकारी बाढ़ के कारण चंपारण तटबंध पर बना दबाव से अगस्तिया गांव स्थित दारोगा चौक पर तटबंध टूट गया. जिससे देखते ही देखते तीन पंचायत सिंगाड़ी-पिपरिया, रतवल तथा सिसही के करीब 800 से अधिक परिवार के घरों में तीन से चार फुट पानी प्रवेश कर गया. जिससे आम लोगों के साथ मवेशियों के ऊपर सामत आ पहुंची. लोग ने अपने बाल बच्चों व मवेशियों के साथ ऊंचे के साथ तटबंध पर शरण लिए है. वही अधिकांश मवेशी अभी पानी में घिरे हैं. पीड़ित परिवार रातभर रतजगा कर रात गुजारी. डीसीएलआर अंजेलिके कृति, सीओ नर्मदा श्रीवास्तव, बगहा थानाध्यक्ष अनिल कुमार, थानाध्यक्ष संजीत कुमार समेत जल संसाधन विभाग के अभियंताओं के साथ तटबंध का निरीक्षण किया और स्थानीय जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों से तटबंध टूटने से संबंधित जानकारी ली. साथ ही अधिकारियों, अभियंताओं समेत पुलिस पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया. वही आस पास निचले इलाके के गांव में रह रहे लोगों को किसी ऊंचे सुरक्षित स्थानों पर रहने हेतु माइकिंग कराकर जागरूक करने का निर्देश दिया तथा उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके. वहीं सोमवार से पीड़ित परिवारों को प्रशासनिक स्तर पर कम्युनिटी किचन की व्यवस्था किया गया है. साथ ही बेहतर स्वास्थ्य को लेकर चिकित्सा शिविर लगाकर दावा का वितरण भी शुरू किया गया है. बता दें कि तटबंध टूटने से सिंगाड़ी-पिपरिया, रतवल व सिसही पंचायत के करीब 800 से अधिक परिवारों के घर में पानी प्रवेश कर जाने से आम जनजीवन प्रभावित हो गया है. वहीं दूसरी ओर किसानों का सैकड़ों एकड़ गन्ना धान समेत अन्य फसलों की काफी क्षति हुई है. उक्त जानकारी सिंगाड़ी-पिपरिया के मुखिया अर्चना देवी, रतवल के मुखिया नितेश राव व सिसही के मुखिया कृष्णा यादव ने दी.
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