उमड़ते घुमड़ते बादलों संग सुहाना हुआ मौसम, धूप की चमक रही फीकी

लगातार पड़ी तपिश व गर्मी के कारण चर्म, आंख, सर्दी जुकाम, डिहाईड्रेशन, लू, पेट व सिर दर्द समेत अन्य मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ने की भी संभावना हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | May 4, 2024 6:56 PM

आलोक अगस्टीन, बेतिया : लगातार पड़ी तपिश व गर्मी के कारण लोग मौसमी बीमारियों की चपेट में आ ही रहे थे. शनिवार से तापमान में गिरावट तथा धूप का कम होना, गलतफहमियों में लोगों को बीमार कर सकता हैं. चर्म, आंख, सर्दी जुकाम, डिहाईड्रेशन, लू, पेट व सिर दर्द समेत अन्य मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ने की भी संभावना हैं. मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक ऐसे समय में लापरवाही घातक बन सकती हैं. आमतौर पर लोग यह सोचते हैं कि गर्मी कम लग रही हैं, धूप नहीं हैं. नतीजतन लोग लापरवाही बरतने लगते हैं. बाहर निकलने से पहले पानी कम पीना, धूप से बचने के लिए गमछा, सनग्लासेज लेना भूल जाते हैं. ओपीडी में भीड़, वार्ड में बेड फूल जीएमसीएच की ओपीडी में प्रतिदिन लोगों की भीड़ उमड़ रही हैं. मेल मेडिकल तथा फीमेल मेडिकल वार्ड भी फुल ही रहते हैं. जिसमें अधिकांशतः डायरिया, उल्टी दस्त तथा इलेक्ट्रोलाइड इम्बाइलेंस के मरीज शामिल हैं. शनिवार की ओपीडी के आंकड़ों पर गौर करें तो, चर्म रोग के 110 मरीज, आंख की बीमारी के 163, सर्दी बुखार (बच्चे, युवा व बुजुर्ग) के 267 मरीजों का इलाज किया गया. जबकि हृदयरोग से ग्रसित 23 मरीजों को बेहतर इलाज के लिए इस सप्ताह आइपीडी में भर्ती किया गया. इसके अलावा उल्टी-दस्त, पेट, सिर दर्द, पेशाब में जलन, घबराहट, शरीर में कमजोरी सहित अन्य बीमारी के इलाज के लिए भी मरीज पहुंचे थे. अस्पताल प्रबंधक शहनवाज ने बताया कि ओपीडी के दोनों शिफ्ट में औसतन 1350 से 1475 प्रतिदिन इलाज कराने आ रहे हैं. ओपीडी में 92 दवायें उपलब्ध, चल रहा पीकू ओपीडी में 92 व आई ओपीडी में 162 प्रकार की दवाइयां हैं. उपलब्ध मौसमी बीमारी बढ़ने के कारण मरीजों के इलाज में किसी तरह की चुक या कमी नहीं हो, इसको लेकर जीएमसीएच प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में हैं. अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि जेई-एईएस (चमकी बुखार) व जापानी इंसेफ्लाइटिस के बच्चों के इलाज के लिए 30 बेड का वातानुकूलित पीकू (पेडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) वार्ड चल रहा है. इसके लिए सभी 56 तरह की दवाइयां उपलब्ध हैं. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ कुमार सौरभ इसके नोडल पदाधिकारी हैं. उन्होंने बताया कि सूखी और लाल त्वचा होना, शरीर का तापमान बढ़ना, मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन होना, थकावट, चक्कर या उल्टी होना, सांस फूलना व दिल की धड़कन बढ़ना. गर्मी जीनत बीमारियों का लक्षण है. इसके बचाव के लिए पानी अधिक से अधिक पीना चाहिए. ओआरएस घोल, ग्लूकोज, इलेक्ट्रोल पाउडर का सेवन भी इन दिनों ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए. ताकि शरीर से पसीना निकलने की वजह से आयोडीन व अन्य अवयव की कमी न हो. नींबू पानी जरूर पीये. खासकर गर्मी से बचाव करते हुए खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिये.

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