30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार के इस मंदिर में दी जाती थी इंसान की बलि, भारी संख्या में उमड़ती है भक्तों की भीड़

बिहार के पश्चिम चंपारण में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के घने जंगलों के बीच आदिकाल से स्थापित नर देवी माता मंदिर की बड़ी महिमा है. आइये जानते हैं इस मंदिर के बारे में...

हर मंदिर की अपनी एक पहचान और विशेषता होती है जिस वजह से लोग श्रद्धा पूर्वक वहां जाते हैं. ऐसा ही एक मंदिर बिहार के पश्चिम चम्पारण ज़िले में है, जहां कभी इंसान की बलि दी जाती थी. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल में बसा यह मंदिर नर बलि की वजह से ही नर देवी मंदिर के नाम से विख्यात है. जिले के बगहा के तीन सिद्धपीठों में से एक नर देवी माता स्थान पर पड़ोसी देश नेपाल और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ जुटती है. लोगों में मान्यता है की वर्षों पहले यहाँ नर की बलि देने की परंपरा थी. लेकिन अब यहां भक्त या तो बकरे की बलि देते हैं या उनका कान काटकर छोड़ देते हैं. इसके अलावा यहाँ कबूतर और मुर्गा छोड़ने की भी परंपरा है.

Nar Devi Mandir 1
बिहार के इस मंदिर में दी जाती थी इंसान की बलि, भारी संख्या में उमड़ती है भक्तों की भीड़ 3

क्यों कहते हैं इसे नर देवी स्थान

पश्चिम चम्पारण ज़िले के घने जंगलों के बीच स्थापित इस नर देवी माता मंदिर की बड़ी महिमा है. यहाँ भक्तों की भीड़ कभी कम नहीं होती है. सालभर हजारों की संख्या में लोग माता के पास आते रहते हैं. लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्र में सप्तमी के दिन से लाखों की भीड़ यहाँ माता से आशीर्वाद लेने आते हैं. ऐसी मान्यता है कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल में बसे देवी स्थान पर सैकड़ों वर्ष पूर्व नर की बलि दी जाती थी, जिस कारण इसका नर देवी नाम पड़ा.

Nar Devi Mandir 8
बिहार के इस मंदिर में दी जाती थी इंसान की बलि, भारी संख्या में उमड़ती है भक्तों की भीड़ 4

जानें इतिहास

सैकड़ों साल पहले राजा जासर के पुत्र आल्हा–ऊदल ने इस मंदिर की स्थापना की थी. कहा जाता है कि राजा जासर माता के अनन्य उपासक थे. राजा जासर देवी मां को बलि के तौर पर अपना सिर काट कर चढ़ाते थे और सिर अपने आप वापस जुड़ जाता था. राजा के मृत्यु के बाद उनके पुत्र आल्हा और ऊदल ने इस मंदिर की स्थापना की और यहां माता रानी की पूजा अर्चना करने लगे.

अब बलि पूरी तरह प्रतिबंधित

मान्यता के अनुसार कभी इंसानों की बलि दिए जाने वाले इस मन्दिर सबसे खास बात यह है कि अब यहाँ बलि पूरी तरह प्रतिबंधित है. देवी मां के भक्तों द्वारा आज यहां जितने भी पशु बलि के लिए लाये जाते हैं उन्हें माता के समक्ष आजाद कर दिए जाता है. वहीं दूर से आने वाले देवी मां के भक्त नारियल चढ़ाकर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आशीर्वाद मांगते हैं.

इसे भी पढ़ें: PM Shri: पटना के 31 स्कूल आधुनिक सुविधाओं से होंगे लैस, जानें क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी

Bihar: नीतीश सरकार ने तय की पारिवारिक पेंशन की ऊपरी सीमा, वेतन का 50% व 30% ही मिलेगी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें