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मीना बाजार में ठेला दुकानदारों की पिटाई से जख्मी ई-रिक्शा चालक की मौत

नगर के मीना बाजार में ठेला दुकानदारों की पिटाई से जख्मी ई रिक्शा चालक उमेश साह गोड़ (40) की इलाज के दौरान मौत हो गई.

By Prabhat Khabar News Desk | April 16, 2024 9:14 PM

बेतिया.नगर के मीना बाजार में ठेला दुकानदारों की पिटाई से जख्मी ई रिक्शा चालक उमेश साह गोड़ (40) की इलाज के दौरान मौत हो गई. मंगलवार की सुबह उसने जीएमसीएच में दम तोड़ दिया. उमेश मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गोड़वा टोला का रहने वाला था. घटना के बाद से ही उसके परिजनों में कोहराम मचा है. उमेश के चचेरे भाई विजय कुमार गोड ने बताया कि विगत सात अप्रैल की देर शाम उमेश अपना ई रिक्शा लेकर बस स्टैंड जा रहा था. इसी दौरान मीना बाजार सब्जी मंडी स्थित गोलंबर के समीप ठेलों के बेतरतीब तरीके से खड़ी होने की वजह से ई रिक्शा से एक ठेला में धक्का लग गया. इससे नाराज ठेला दुकानदार अमरनाथ सहित 10-12 अन्य ठेला दुकानदारों ने बटखरा से उसकी पिटाई कर दी. घटना में उसका सिर फट गया, रीड की हड्डी टूट गई और सीने पर मार के कारण फेफड़े पर भी चोट लगी. नाक की हड्डी टूट गई. परिजनों को सूचना मिलने पर उन लोगों ने इलाज के लिए जीएमसीएच में भर्ती कराया. लेकिन उसकी स्थिति गंभीर देख चिकित्सकों ने रेफर कर दिया. तब परिजन उसे एक निजी क्लीनिक में ले गये. लेकिन वहां से रेफर होने के बाद आठ अप्रैल को इलाज के लिए गोरखपुर के अस्पताल में भर्ती करा दिये. गोरखपुर के चिकित्सकों ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया. नौ अप्रैल को परिजन उसे लखनऊ ले गये. लेकिन वहां से चिकित्सकों ने उसे वापस भेज दिया. तब वें लोग 12 अप्रैल को उसे फिर गोरखपुर लाये. गोरखपुर में भर्ती करने से इनकार करने पर 15 अप्रैल की रात परिजनों द्वारा उसे आईसीयू सेटअप वाले एंबुलेंस से वापस जीएमसीएच लाये. हंगामा के बाद जीएमसीएच में किया गया भर्ती परिजनों का आरोप हैं कि जब एंबुलेंस से उमेश को बेतिया लाया गया तो चिकित्सक ने भर्ती करने से इनकार कर दिया. कहा कि, यहां व्यवस्था नहीं हैं. वेंटीलेटर नहीं मिलेगा. आईसीयू में बारह बेड़ हैं, सभी भरे हुए हैं. जबकि जीएमसीएच को पीएम केयर फंड से लगभग 60 से ज्यादा वेंटीलेटर मिले थे. चिकित्सक के इस जबाब के बाद अस्पताल में हंगामा जैसी स्थिति बन गई. जैसे तैसे नर्सिंग कर्मियों द्वारा आईसीयू में बेड खाली कर मरीज को भर्ती किया किया गया. हालांकि इसका वीडियो भी वॉयरल है, इसमें उमेश के साथ आये लोग व्यवस्था नहीं मिलने से खुद ही एम्बु बैग समेत अन्य उपकरण लगाते दिख रहे हैं. मृतक उमेश चार भाई और एक बहन में सबसे बड़ा था. उसके तीन पुत्र अमित कुमार (26), सचिन कुमार (24) व विकास कुमार (18) है. घटना के बाद उसकी मां जानकी देवी व पत्नी सावित्री देवी समेत बरवत गांव में ग़म का माहौल हैं.

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