बगहा. पुलिस जिला बगहा के विभिन्न थाना क्षेत्रों में नदी और नहर में डूबने से हो चुकी है आठ लोगों की मौत. बताते चलें कि हाल के दिनों में इसी इलाके में डूबने की वजह से आठ लोगों की जान जा चुकी है. घास काटने गयी नीलम और संजना की मौत गंडक नदी में डूबने से हो गयी है. नीलम कुमारी की शव तो मिल गयी लेकिन संजना कुमारी का शव अभी तक नहीं मिल सका है. स्थानीय गोताखोरों द्वारा खोजबीन जारी है. बगहा पुलिस जिला के विभिन्न थानों में डूब कर मरे लोगों की आकड़ा इस प्रकार है. विगत 10 जून को सोनखर निवासी जगदीश राय की मौत नहर में नहाने के क्रम में हो गयी. जिनका शव 11 जून को बरामद किया गया. जबकि 8 जून को वाल्मीकिनगर थाना क्षेत्र के कदमहिया कंपार्ट के निकट दोन नहर में नहाने के क्रम में एक 12 वर्षीय किशोर भोला चौहान की दोन नहर में डूबने से मौत हो गयी. तीन जून को बगहा में नहाने के क्रम में गोड़ियापट्टी के रहने वाले दो चचेरे भाई-बहन गोड़ियापट्टी निवासी सवरू चौधरी के पुत्र सुनील कुमार (10 वर्ष) व विजय चौधरी की पुत्री पायल कुमारी (12 वर्ष) की मौत डूबने के कारण हो गयी. जबकि 3 जून को ही पुअर हाउस के समीप नदी में नहाने के दौरान पुअर हाउस निवासी राजेश गोंड की पुत्री प्रतिमा कुमारी (10 वर्ष) और अवध बिहारी की पुत्री तकली कुमारी (11 वर्ष) की डूबने से मौत हो गयी.
बगहा व पिपरासी के बीच गंडक नदी पर पुल निर्माण की मांग जायज
बगहा गंडक नदी के विभिन्न घाटों पर नाव दुर्घटना को लेकर स्नान करने तक गंडक नदी में लोग डूब कर प्रत्येक साल मरते है. अगर सरकार द्वारा शास्त्रीनगर के सामने पक्का पुल निर्माण हो जाता तो उत्तर प्रदेश और बिहार की दूरी कम हो जाती. महज आठ किलोमीटर रह जाती और नाव दुर्घटना से निजात भी किसानों और मजदूरों को मिल जाता. इसलिए शास्त्रीनगर के सामने गंडक नदी पर पुल जायज है. सरकार को चाहिए की पक्का पुल निर्माण करे. इतना ही नहीं कई बार इस पर पुल बनाने को लेकर मांग किया गया लेकिन अभी तक पुल निर्माण नहीं हुआ. हालांकि दबे जुबान से जनप्रतिनिधि कहते है कि शास्त्रीनगर के सामने पक्का पुल पास हुआ है. जो ठंडे बस्ते में है.
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