बेतिया. पांच एकड़ से भी अधिक विस्तार वाले नगर के ऐतिहासिक पिंजुआ पोखरा क्षेत्र से अब अतिक्रमण हटेगा. इसकी शिकायत मिलने पर राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरीय वैज्ञानिक सुनीति पराशर से प्राप्त सख्त आदेश पर राज्य बोर्ड के सदस्य सचिव एस चंद्रशेखर ने नगर आयुक्त शंभू कुमार को अगले सात दिन में ही आदेश अनुपालन का निर्देश दिया है. एमजेके कॉलेज प्राचार्य प्रो. (डॉ) सुरेंद्र प्रसाद केसरी के आवेदन पर उपरोक्त आदेश जारी हुआ है. अपने आवेदन में प्रो. केसरी बताया है कि नगर निगम प्रशासन की मनमानी के कारण कॉलेज परिसर और समीपवर्ती ऐतिहासिक पिंजुआ पोखरा में नाले का गंदा पानी वर्षों से बह रहा है. नगर निगम की उपेक्षा से पोखरे का एक बड़े हिस्से का अतिक्रमण कर लिया गया है. पोखरे में गंदा पानी जाने से उसके जीवों के साथ पर्यावरण को भी व्यापक नुकसान हुआ है. अतिक्रमण के कारण तालाब का आकार काफी छोटा हो गया है. वही नाले का गंदा पानी कॉलेज परिसर में सालोंभर बहते रहता है. वही बरसात के दिनों में करीब 15 हजार विद्यार्थियों वाले इस कॉलेज में प्रदूषण की भयंकर समस्या काफी बढ़ जाती है. जिसको लेकर देश और प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कड़ा रुख अपनाने पर नगर प्रशासन में खलबली मच गई है. नगर आयुक्त शंभू कुमार ने बताया कि आदेश अनुपालन के लिए सिटी मैनेजर के नेतृत्व में टीम गठित कर 24 घंटे के अंदर स्थलीय जांच रिपोर्ट मांगी गई है. जिसको विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजा जाएगा. यहां उल्लेखनीय है कि नगर निगम के वार्ड 23 के पिंजुआ पोखरा के सौंदर्यीकरण और सीढ़ी घाटों के निर्माण पर 1.87 करोड़ 39 हजार लागत वाली योजना की निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद बीते एक साल से नगर निगम के ठंडे बस्ते में पड़ी है. मुख्यमंत्री के सात निश्चय में शामिल मिशन जल जीवन हरियाली के तहत नगर विकास एवं आवास विभाग के मुख्य अभियंता से तकनीकी स्वीकृति मिलने के बाद नगर विकास विभाग के निदेशक स्तर से प्रशासनिक स्वीकृति और जिला मत्स्य पदाधिकारी के स्तर से एनओसी मिलने के करीब एक साल बाद भी कतिपय दबंग अतिक्रमणकारियों के प्रभाव में कार्य शुरू नहीं हो पा रहा था.
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