सिसवा मंगलपुर में शुरू हुए बचाव कार्य के बीच तेज गति से जारी है कटाव, प्रदर्शन
सिसवा मंगलपुर गांव में बीते तीन दिन से गंडक नदी के कटाव का कहर जारी है. कटाव की रफ्तार तेज होती जाने से 26 परिवार बेघर हो गए हैं.
बेतिया/योगापट्टी. सिसवा मंगलपुर गांव में बीते तीन दिन से गंडक नदी के कटाव का कहर जारी है. कटाव की रफ्तार तेज होती जाने से 26 परिवार बेघर हो गए हैं. यहां के उमेश, दिनेश, मुकेश, अखिलेश, प्रतिमा, रुदल, सुकदेव, शिवशंकर, नेशा खातून, मीना समेत अब तक 26 परिवारों का घर सिसवा गांव की तरफ रुख कर चुकी गंडक नदी के गर्भ में विलीन हो चुके हैं. वहीं वार्ड 9 के दर्जन भर परिवारों का आशियाने पर कटाव का संकट बढ़ता जा रहा है. वहीं राहत के नाम पर बांस की पाइलिंग की जा रही है, लेकिन वह भी पानी की तेज धार को बमुश्किल झेल पा रहा है. इधर, सोमवार को गांव के दर्जनों आक्रोशित लोगों ने नदी के किनारे एकत्रित होकर प्रदर्शन किया व जल संसाधन विभाग के कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया. प्रदर्शन में शामिल ग्रामीण वीरेंद्र शर्मा, मदन शर्मा, चंपा देवी, निशा खातून सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि दर्जनों लोग अपने हाथों अपने घरों को तोड़कर ऊंचे स्थान में पलायन कर चुके हैं, लेकिन विभाग के द्वारा इस समस्या से निपटने के लिए कोई खास कदम नहीं उठाया जा रहा है. इधर बीडीओ शशिभूषण कुमार ने बताया कि कटाव स्थल का निरीक्षण किया गया है. कटाव में विलीन घरों के परिवारों की सूची बनाई गई है, जो परिवार भूमिहीन होंगे उन्हें पर्चा दिया जाएगा. वहीं कटाव को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता प्रदीप कुमार ने बताया कि रविवार सुबह से ही हम बचाव और कटाव रोधी कार्य में लगातार जुटे हुए हैं. लेकिन गंडक नदी की धार अचानक सिसवा गांव की ओर मुड़ जाने से कटाव का संकट तेज हो गया है. अभी की स्थिति में यहां बंबू पाईलिंग और अन्य झाड़ीदार पौधों आदि का उपयोग से ही कटाव रोधी कार्य संभव है. विधायक ने अनशन की दी है चेतावनी कटावरोधी कार्य तत्काल युद्ध स्तर पर नहीं शुरू किए जाने पर क्षेत्रीय विधायक विनय बिहारी ने कलेक्ट्रेट के सामने आमरण अनशन की चेतावनी दी है. विधायक का कहना है उनकी ही सरकार होने के बावजूद उनकी मांग और शिकायत सरकार और प्रशासन में नहीं सुनी जा रही है. इसलिए हमने आंदोलन करने का निर्णय किया है. हालांकि विधायक की चेतावनी के बाद वहां प्रशासनिक हलचल बढ़ गई है.
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