अनुमंडलीय अस्पताल में जांच के नाम पर उगाही पर भड़के परिजन, हंगामा

अनुमंडलीय अस्पताल के कर्मियों द्वारा मरीजों के परिजनों से जांच के नाम पर 16 सौ रुपये की वसूली करने से नाराज परिजन गुरुवार की देर रात भड़क उठे.

By Prabhat Khabar News Desk | June 7, 2024 8:31 PM

नरकटियागंज. अनुमंडलीय अस्पताल के कर्मियों द्वारा मरीजों के परिजनों से जांच के नाम पर 16 सौ रुपये की वसूली करने से नाराज परिजन गुरुवार की देर रात भड़क उठे. परिजन अस्पताल में व्याप्त कुव्यवस्था और उगाही कां माग पर हंगामा करने लगे. इससे अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल कायम हो गया. परिजनों का कहना था कि इमरजेंसी वार्ड में भर्ती आधा दर्जन मरीज जिन्हें बुखार, पेट दर्द व लूज मोशन की शिकायत थीं. वें इलाज के लिए पहुंचे थे. अस्पताल की ओर से उन मरीजों का खून जांच व पेशाब जांच आदि के लिए निजी जांच घर के कर्मियों को बुलाकर जांच करने को सौंपा गया था. जांच के एवज में कई मरीजों से 16-16 सौ रुपए लेने तथा पट्टी बांधने के बाद में 500 रुपये की उगाही की जाने लगी. अवैध उगाही से नाराज होकर मरीज के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया तथा इसकी शिकायत नरकटियागंज विधायक से किया. शिकायत मिलते ही विधायक रश्मि वर्मा अस्पताल पहुंचीं और मरीज के परिजनों को शांत कराया. मरीज के परिजनों में शामिल रखई निवासी मालती देवी, अजुआ निवासी नजमुन नेशा, खिरिया का निवासी सरिता देवी, शिवगंज निवासी अजय कुमार आदि लोगों ने बताया कि वह मरीज के साथ आए हुए थे लेकिन जबरन डॉक्टर एवं कर्मियों द्वारा जांच के नाम पर निजी जांच घर के स्टाफ को रुपए दिलवाया गया. अस्पताल में ना तो कॉटन की व्यवस्था है और ना ही दवाओं की सुविधा है. उन्हे बाहर से दवा खरीदने का भी दबाव बनाया गया. उन्हें जीविका दीदी के रसोई से भोजन भी नहीं मिला. अस्पताल के रवैये से विधायक नाराज विधायक श्रीमती वर्मा ने कहा कि जब वह अस्पताल पहुंचीं तो बेड पर चादर भी नहीं बिछाये गये थे. मरीजों ने उनसे शिकायत की कि दीदी की रसोई से जो भोजन मिलता है, वह नहीं मिला है. मरीज से 500 से एक हजार रुपए तक प्रसव करने का नाम पर वसूली करने की भी शिकायत मिली है. मरीजों से अवैध उगाही, भोजन नहीं मिलना, बाहरी जांच घरों से जबरन मरीजों से बेवजह जांच करवाना, अस्पताल में उपाधीक्षक, अस्पताल व स्वास्थ्य प्रबंधक, महिला चिकित्सक बिना सूचना के अनुपस्थित होना यह अस्पताल की बहुत बड़ी कुव्यवस्था पर सवाल है. इस मुद्दे को सिविल सर्जन, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव तथा विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया जाएगा.

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