नील गायों के आंतक से किसान की खेती-बारी छूटी
नीलगाय के आतंक से कई गांवों में खेती चौपट हो गयी है. इस वजह से प्रखंड के किसान परेशान हैं.
योगापट्टी. प्रखंड के किसान कई समस्याओं से जूझ रहे हैं. एक तरफ कम बारिश होने के कारण खेती प्रभावित होती है. वहीं दूसरी तरफ नीलगाय के आतंक से कई गांवों में खेती चौपट हो गयी है. इस वजह से प्रखंड के किसान परेशान हैं. स्थिति यह है कि नीलगाय झुंड बनाकर गांव के सरेहो में ही जमे रहते हैं और पूरे दिन फसल को नुकसान पहुंचाते हैं. यह स्थिति पिछले वर्षों से है. नीलगाय के आतंक से परेशान किसान अब खेती कार्य में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. जिन किसानों के पास खेती व सिंचाई का संसाधन हैं, वे चाह कर भी खेती नहीं कर पा रहे हैं. प्रखंड के हरपुरवा, डूमरी, मटकोटा, हथिया, दोनवार, सिकटा, ओझा बरवा, अमैठिया सेहुड़वा सहित दर्जनों गांव में नीलगाय के आतंक से किसान परेशान हैं. नीलगाय खास कर गेहूं व दलहन फसल को ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं. शुरुआती दौर में नीलगाय अरहर को नुकसान नहीं पहुंचा रही थी. लेकिन पिछले दो वर्षों से अरहर की खेती को भी नुकसान पहुंचा रही हैं. इससे परेशान किसान दलहन के अलावा गेहूं व सरसों की खेती करना कम कर रहे हैं. कुछ किसानों के द्वारा सब्जी लगायी गयी है. उसे बचाने के लिए किसान दिन रात रखवाली करते हैं. प्रभावित जगत प्रसाद, रणधीर साह, गोल्डी ठाकुर, संजय तिवारी, अभय दुबे, बिहारी महतो, संत कुमार तिवारी, भोला शुक्ला, योगेंद्र शुक्ला, बाबूलाल राम, वीरेंद्र साह ने बताया कि किसानों की इस परेशानी को कोई समझने वाला नहीं है. नीलगाय के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए वन विभाग भी कोई कदम नहीं उठा रहा है.
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