वन कर्मियों व मछुआरों ने निजी पोखरा से मगरमच्छ का किया रेस्क्यू
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के सीमावर्ती इलाकों में बरसात होते ही सांप एवं मगरमच्छों का निकलने का सिलसिला शुरू हो गया है.
हरनाटांड़. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के सीमावर्ती इलाकों में बरसात होते ही सांप एवं मगरमच्छों का निकलने का सिलसिला शुरू हो गया है. इसी क्रम में लौकरिया थाना के रामपुर निवासी पारस चौधरी के पोखरा से एक मगरमच्छ को मदनपुर वन प्रक्षेत्र के वन कर्मियों तथा मछुआरों के सहयोग से रेस्क्यू किया गया है. यह मगरमच्छ पोखरा के अंदर मछलियों को अपना निवाला बना रहा था. वहीं पारस चौधरी ने बताया कि निजी पोखरा में लगभग 5 दिनों से एक मगरमच्छ घुस गया था. जो लाखों रुपये की मछलियों को खाया गया है. वही 2 दिन पूर्व निजी खर्चे पर मछुआरों से मगरमच्छ को निकालने का प्रयास किया गया था. लेकिन मगरमच्छ पकड़ से बाहर रहा और दो हजार की आर्थिक नुकसान उठानी पड़ी थी. वहीं दूसरा प्रयास सोमवार को वन कर्मियों की तैनाती में किया गया. जिसमें मगरमच्छ मछुआरों के जाल में फंस गया और उसे सुरक्षित पोखरा से बाहर निकाल लिया गया. पकड़े गए मगरमच्छ को वन विभाग को सुपुर्द कर दिया गया है. इस संदर्भ में मदनपुर प्रक्षेत्र के रामपुर वन परिसर के वनरक्षी गौरीशंकर दुबे ने बताया कि रामपुर निवासी पारस चौधरी के निजी पोखरा में मगरमच्छ आशियाना बनाया हुआ था और वह मछलियों को निवाला बना रहा था. मछुआरों व वन कर्मियों की टीम के साथ भारी मशक्कत के बाद मगरमच्छ का रेस्क्यू कर वन प्रक्षेत्र कार्यालय लाया गया. जहां जांच के उपरांत उसे गंडक नदी में सुरक्षित छोड़ दिया गया. गौरतलब हो कि वीटीआर के वन क्षेत्रों के जंगलों के समीप गंडक, भपसा, हरहा आदि नदी से मगरमच्छों का रिहायशी क्षेत्रों में पलायन का सिलसिला शुरू हो गया है. आए दिन पहाड़ी नदियों से निकलकर रिहायशी इलाकों के तालाब में मगरमच्छ पहुंच जा रहे है और वन कर्मियों की टीम लगातार रेस्क्यू कर गंडक नदी में छोड़ रहे है.
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