बिहार के मसान नदी में आयी बाढ़ के कारण बह गया पुल, दर्जनों गांवों का एक-दूसरे से टूटा संपर्क, गंडक ने भी किया नुकसान
दर्जनों गांव को जोड़ने वाला सड़क पुल मसान नदी में आई भीषण बाढ़ के दौरान बह गया है. जिससे आने जाने वाले राहगीरों व आम जनता को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. बताते चलें कि प्रखंड बगहा एक के सलहा बरिअरवा पंचायत अंतर्गत बहुअरी मसान नदी पुल को जोड़ने वाला मुख्य सड़क एक साल पहले पीसीसी सड़क बना था. मसान नदी की भीषण बाढ़ में पानी के साथ ही सड़क टूटकर बह गया है. एक गांव का मुख्य सड़क होने के चलते लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
दर्जनों गांव को जोड़ने वाला सड़क पुल मसान नदी में आई भीषण बाढ़ के दौरान बह गया है. जिससे आने जाने वाले राहगीरों व आम जनता को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. बताते चलें कि प्रखंड बगहा एक के सलहा बरिअरवा पंचायत अंतर्गत बहुअरी मसान नदी पुल को जोड़ने वाला मुख्य सड़क एक साल पहले पीसीसी सड़क बना था. मसान नदी की भीषण बाढ़ में पानी के साथ ही सड़क टूटकर बह गया है. एक गांव का मुख्य सड़क होने के चलते लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
यह सड़क एक प्रकार का सेतु का काम करता था. लेकिन यह सड़क टूट जाने के बाद कई गांवों का संपर्क भंग हो गया है. जिसमें झारमुही, महुअवा, हरदी नदवा पंचायत के दर्जनों गांव शामिल है. वहीं पूर्व सरपंच नजरे इमाम, समाजसेवी रफी अहमद, दिनमान्य पांडेय, तारिक जमाल आदि ने सरकार से मांग किया है कि इस सड़क को जल्द से जल्द बनाया जाय. ताकि यातायात चालू हो सकें.
वहीं गंडक नदी की जलस्तर में हुई मामूली वृद्धि से भितहा में पीपी तटबंध के 28 से 32 के बीच रविवार की शाम दो स्टर्डों की छह मीटर नोज क्षतिग्रस्त हो गया. जिसके बाद स्थानीय लोगों में अफरा तफरी मच गयी है. एंटीरोजन कार्य में निगरानी की अभाव में बरती गयी आनियमितता के कारण एक-एक करके स्टर्डों और ठोकरों के नोज क्षतिग्रस्त होने की सिलसिला जारी है. सोमवार की दोपहर तक जीएच प्रभाग में भी चार नंबर स्पर के एक तीहाई हिस्सा क्षतिग्रस्त हो चुका था. उधर दूलारी प्वाइंट (पीपी तटबंध की 23.40 किमी ) पर स्टर्ड धंसने की खबर है.
Also Read: Bihar News: 1982 में निर्मित अस्पताल में अब रखा जाने लगा जलावन, कागजों पर ही होता है अब सारा इलाज, जानें हकीकत…जलस्तर में मामूली वृद्धि मात्र से नव निर्मित स्टर्डों के क्षतिग्रस्त होने व धंसने की जारी सिलसिला से आगामी बाढ़ में तटबंध की सुरक्षा को लेकर लोग एकबार फिर भयभीत हो गये है. हर साल बाढ़ के मौसम में तटबंधों और आवाम की तबाही के बावजूद अभियंताओं की संवेदनहीनता को लेकर लोगों में नाराजगी है. भितहा में ग्रामीणों व एंटीरोजन कार्य कर रहे मजदूरों का कहना था कि साईट पर अभियंता नियमित नहीं रहते हैं. ठेकेदार और उनके कारिदों की मर्जी चल रही है. एंटीरोजन कार्य में जूटे मजदूरों में स्थानीय मजदूर भी शामिल है. कोरोना की वैश्विक माहामारी के कारण उनके समक्ष रोजी रोटी की समस्या है. लिहाजा वे लोग अनियमितता के विरुद्ध मुखर नहीं हो पा रहे हैं. बिहार के मसान नदी में बाढ़ आने के कारण बह गया पुल तथा Breaking News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें।
POSTED BY: Thakur Shaktilochan