गंडक नदी के उफान से दर्जनों गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
पिछले तीन दिनों से हुई मुसलाधार बारिश से गंडक नदी काफी उफान पर है.
नौतन . पिछले तीन दिनों से हुई मुसलाधार बारिश से गंडक नदी काफी उफान पर है. नदी के तेज बहाव से दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. बाढ़ पीड़ित चंपारण तटबंध पर तंबू तान कर जीवन वसर करने को विवश हैं. प्रशासनिक अधिकारियों का इलाके में दौरा तेज हो गया है. लेकिन पीड़ितों के बीच पोलिथीन सीट और अन्य सहायता मुहैया नहीं कराये जाने से पीड़ित खुले आसमान के नीचे अपने बच्चों और माल मवेशियों का गुजारा कर रहे हैं. बाढ़ का खतरा भगवानपुर के वार्ड चार, मंगलपुर कला के बरियारपुर, शिवराजपुर के धरकी, जरलहिया, दुसाद टोली, बीन टोली समेत दर्जनों गांवों में बाढ़ की पानी ने भारी तबाही मचा रखा है. नदी के बढ़ते पानी का दबाव चंपारण तटबंध पर बढने लगा है. इससे तटबंध के उतरी हिस्से में रहने वाले लोगों में भय और दहशत का माहौल बना हुआ है. विभागीय जेई और सीओ अजीत कुमार झा तटबंध को सुरक्षित रखने के लिए बोरे में मिट्टी भरकर तटबंध बचाने में जुटे हुए है. पल पल बढते बाढ़ का पानी को देख पीड़ितों में अफरा तफरी मच गया है. नाव के सहारे पीड़ित ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए घर छोड़ भाग रहे हैं. पीड़ितों को सुरक्षित रहने के लिए चंपारण तटबंध ही एक सहारा है. इधर विशवम्मरपुर के पीड़ित गोपालगंज जाने वाली सड़क किनारे तंबू तान गुजारा कर रहे हैं.दुख की घड़ी में सहायता करने वाले राजनीतिक कार्यकर्ता और समाजसेवी तथा एनजीओ के लोग कहीं नजर नहीं आ रहें हैं बिन मौसम आयी बाढ़ ने फसलों को किया बर्बाद –डूबे धान फसलों को देख छाती पीट रहे पीड़ित नौतन. दियारा क्षेत्रों में गन्ना और धान फसलों को देख इलाके के लोगों का चेहरा खिल उठा था. रविवार की रात्रि अचानक आयी बाढ़ ने खेत में तैयार धान फसलों को नष्ट कर दिया. धान फसलों के ऊपर ढाई फीट पानी बह रहा है. डूबे फसलों को देख इन क्षेत्रों के किसान छाती पीटने को विवश हैं. शेख कमरान, नेहाल, मनान, शभू पासवान, शंकर पासवान, श्रीकिशून पासवान आदि को माने तो कहते हैं कि बिन मौसम इसबार बाढ़ आया है. दशकों से बाढ़ का कहर हमसब झेलते रहे हैं, लेकिन कुआर के माह में बाढ़ का पानी आना आश्चर्य जनक है. इस बार की पानी ने तैयार फसलों को नष्ट कर भारी तबाही मचाया हैं. कहते हैं अगर दो दिनों के अंदर बाढ़ का पानी नहीं हटा तो समझईये की खेत से एक भी दाने घर नहीं आ सकता है. आनेवाले दिनों में बाढ़ पीड़ित दाने दाने के लिए मोहताज हो जाएगें. साथ ही डूबे फसल अंकुरित होकर बर्बाद हो जाएगा. गंडक नदी में निरंतर पानी बढ़ने से चम्पारण तटबंध पर खतरा, 250 को किया गया रेस्क्यू कार्यपालक व सहायक अभियंता कर रहे हैं कैंप जगदीशपुर. वाल्मीकिनगर बैराज से अप्रत्याशित पानी छोड़ने के उपरांत गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण मंगलपुर, शिवराजपुर, छरकी, विशंभरपुर के लोगों को नाव के द्वारा चंपारण तटबंध पर निकाला जा रहा है. वही चंपारण तटबंध में कहीं-कहीं रिसाव होने के कारण जल संसाधन विभाग के एक्सक्यूटिव इंजीनियर, सहायक अभियंता, अंचला अधिकारी व प्रखंड विकास पदाधिकारी नौतन दलबल के साथ तटबंध की नजर रखे हुए हैं. अंचल अधिकारी नौतन अजीत कुमार झा ने बताया कि जो लोगों को गंडक की पेट से नाव द्वारा रेस्क्यू किया जा रहा है, उन लोगों को प्लास्टिक और भोजन की व्यवस्था भी कराई जा रही है. लगभग ढाई सौ लोगों को रेस्क्यू किया गया है और बाकी लोगों को रेस्क्यू का काम निरंतर जारी है. जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता संजय कुमार ने बताया कि तटबंध के रिसाव बंद करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है. हम लोगों मंगलपुर, शिवराजपुर व पटखौली पर नजर बनी हुई है नौतन आंचल अधिकारी ने बताया कि चार नाव लगाया गया है. किसी प्रकार की कमी नहीं होने दी जाएगी. मंगलपुर के मुखिया राजेंद्र सिंह को बाढ़ पीड़ितों के लिए चूड़ा मीठा एवं भोजन के जिम्मेदारी दी गई है.
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