नेपाल में भारी बारिश से एसएसबी कैंप समेत आधा दर्जन गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

वाल्मीकिनगर समेत नेपाल के जल ग्रहण वाले क्षेत्र पोखरा, नारायण घाट, देवघाट आदि जगहों पर पिछले 48 घंटों से हो रही भारी बारिश के कारण वाल्मीकिनगर में गंडक नदी उफान पर है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 28, 2024 9:42 PM
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वाल्मीकिनगर. वाल्मीकिनगर समेत नेपाल के जल ग्रहण वाले क्षेत्र पोखरा, नारायण घाट, देवघाट आदि जगहों पर पिछले 48 घंटों से हो रही भारी बारिश के कारण वाल्मीकिनगर में गंडक नदी उफान पर है. जलस्तर बढ़ने के कारण वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के जंगलों में पानी भरने लगा है. वही एसएसबी के झंडाहवा टोला कैंप के साथ-साथ चकदाहवा, कान्ही टोला व बीन टोली आदि गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. लगभग 600 घरों में शनिवार की अगली सुबह में घुसने के बाद लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वही बाढ़ का पानी एसएसबी कैंप सहित गांव में घुस गया है. पानी बढ़ने के साथ ही लोग अपने माल-जाल के साथ चकदहवा विद्यालय व ऊंचे बांध पर शरण लेने लगे हैं. एसएसबी 21 वीं वाहिनी झंडू टोला के इंस्पेक्टर सह कंपनी कमांडर राजेंद्र कुमार ने बताया कि गंडक नदी का जलस्तर शनिवार की अहले सुबह से अचानक बढ़ गया. जिसके चलते बाढ़ का पानी एसएसबी कैंप के साथ-साथ गांव में प्रवेश कर गया है. लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए एसएसबी के अधिकारी व जवान नाव द्वारा बचाव कार्य में जुटे गए हैं. उन्होंने बताया कि एसएसबी कैंप में बाढ़ का पानी आने के कारण नाव से जवानों की आवाजाही व गश्ती हो रही है. शनिवार की अहले सुबह गंडक बराज से छोड़ा गया 3 लाख 7 हजार 200 क्यूसेक पानी. वही शनिवार की शाम 4 बजे गंडक बराज से 5 लाख 1 हजार 650 क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ा गया है. जिससे गंडक नदी का जलस्तर पश्चिमी चंपारण के दियारावर्ती इलाकों में बढ़ने की संभावना है. जिला प्रशासन ने दियारावर्ती प्रखंडों के अधिकारियों को सचेत कर दिया है. प्रशासन पूरी तरह से मोड़ पर अलर्ट है.बोले अधीक्षक अभियंता

गंडक बराज के अधीक्षण अभियंता नवल किशोर भारती ने बताया कि नेपाल के जल ग्रहण वाले क्षेत्रों में लगभग तीन दिनों से भारी बारिश हो रही है. जिसके चलते नारायणी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. नारायणी नदी वाल्मीकिनगर के त्रिवेणी में आकर सोनहा, सोनभद्र तथा तमसा नदी में मिलती है. तीनों नदियां एक साथ मिलकर गंडक नदी हो जाती है. तीनों नदियों में पहाड़ का पानी आता है. इससे गंडक का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. बराज के सभी अभियंता व अधिकारी 24 घंटे बराज तथा पानी पर पैनी नजर रखे हुए हैं.

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