मसान नदी में बाढ़ आने से सहला-बरियरवा झारमहुई गांव में घुसा बाढ़ का पानी
बगहा एक प्रखंड तथा शहरी क्षेत्र में बारिश होने के चलते हुआ जल जमाव तो कहीं सड़क ध्वस्त होने से गांव हुआ संपर्क भंग.
बगहा. बगहा एक प्रखंड तथा शहरी क्षेत्र में बारिश होने के चलते हुआ जल जमाव तो कहीं सड़क ध्वस्त होने से गांव हुआ संपर्क भंग. गांव के लोग हुए परेशान. बता दें कि मसान नदी जो (बहुरहिया) नदी के नाम से विख्यात है. उसके बाढ़ का पानी बगहा एक प्रखंड के सलहा-बरियरवा व झारमहुई में अपना कहर ढाह रही है. वहां के लोग के लोग चारों तरफ पानी लगने के चलते परेशान है. प्राप्त समाचार के अनुसार नगर क्षेत्र में सोमवार से हुई झमाझम बारिश के बाद एक तरफ जहां लोगों ने उमस से राहत महसूस की. वहीं दूसरी तरफ नगर के कई वार्डों में जल जमाव हो गया है. रुक-रुककर हो रही झमाझम बारिश से शहर में करीब आधा दर्जन से अधिक मोहल्लों के सड़कों पर जल जमाव हो गया है. जल की निकासी की व्यवस्था नहीं होने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. बगहा दो बीआरसी परिसर, पुलिस लाइन सहित एसपी ऑफिस परिसर में बुधवारी टोला, अहिरानी टोला, प्लस टू प्रोजेक्ट बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय रोड, पारस नगर, गांधीनगर मोहल्ला, रेलवे स्टेशन परिसर पहुंच पथ मार्ग, रेलवे स्टेशन रोड इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप के समीप, मीना बाजार रोड, शास्त्री नगर, पवरिया टोला समेत अन्य मोहल्लों में सड़क पर जल जमाव बना हुआ है. नगर परिषद अंतर्गत वार्ड संख्या 2, 4, 14, 13, 33 व 21 में जल जमाव से वार्ड वासियों का जीना दूभर हो गया है. आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इस बाबत नप सभापति प्रतिनिधि प्रतिनिधि पप्पू गुप्ता ने बताया कि वार्डों में नाली की सफाई हुई है. कई वार्डों में पानी की निकासी की समस्या है जिसकी वैकल्पिक व्यवस्था कर जल्द ही निकासी कराई जाएगी. वही दूसरी ओर प्रखंड बगहा एक के सलहा-बरियरवा अंतर्गत झारमहुई, अजमल नगर और तमकुही में मसान नदी के भीषण कटाव से ग्रामीण जनता में भय और आक्रोश का माहौल व्याप्त है. मसान नदी के बाढ़ से अनेक किसानों के खेत और बगीचे और बांसवारी नदी में समाहित हो गेया है. साथ की झारमहुई से तमकुही और बहुआरी मसान नदी पुल को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग नवनिर्मित मुख्यमंत्री रोड को भी मसान नदी की बाढ़ ने ध्वस्त कर दिया है. झारमहुइ के पूर्व सरपंच नजरे इमाम, खलीक कुरैशी, जमालुद्दीन सरपंच, नसीम अख्तर, नौशाद अख्तर, जयप्रकाश पांडेय आदि ग्रामीण चिंतित है. ग्रामीणों का कहना है कि पहली ही बाढ़ में इतनी तबाही हो गयी. अभी तो पूरा बरसात बाकी है. हर साल सरकार द्वारा पक्का बांध बाधने का बात होता है. लेकिन अभी तक पक्का बांध नहीं बधाया.
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