टाइगर रिजर्व के ईडीसी सदस्यों के साथ वन मंत्री ने की बैठक
पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री प्रेम कुमार ने टाइगर रिजर्व के ईडीसी अध्यक्षों एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक किया.
वाल्मीकिनगर. वाल्मीकिनगर वन विभाग के सभागार में रविवार को पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री प्रेम कुमार ने टाइगर रिजर्व के ईडीसी अध्यक्षों एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक किया. बैठक में ईडीसी अध्यक्षों द्वारा अपनी समस्याओं से मंत्री को अवगत कराया गया. इस बैठक में 14 समिति के अध्यक्ष शामिल रहे. कुनई के ईडीसी अध्यक्ष परमानंद प्रसाद ने कहा कि लगभग 1000 से ज्यादा किसान जंगल के नजदीक निवास करते हैं. जिनके फसल जंगली जानवरों द्वारा नुकसान किया जाता है. जिसका मुआवजा भी किसानों को नहीं मिल पाता है. वही गरीब किसानों को जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलता है गांव के नजदीक नदी नालों से बालू निकासी पर रोक लगाई जाती है. बैरागी सोनबरसा के अध्यक्ष विनोद उरांव ने बताया कि जंगल से आने वाली पानी में सिल्ट होने के कारण खेत की उपजाऊ मिट्टी पर बालू और सिल्ट जमा हो जाती है. जिससे जमीन की उर्वरा शक्ति समाप्त होती जाती है. वहीं किसानों को घर बनाने के लिए नदी नालों से बालू की निकासी पर प्रतिबंध है. बकरी पालन, सिलाई मशीन वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाती है. किंतु उनकी खरीद ईडीसी की निगरानी में हो. ताकि पारदर्शिता बनी रहे. वही चिउटाहा के अध्यक्षा रेणु देवी ने बताया कि सरकार का प्रयास वनों की सुरक्षा उसके विकास के लिए सराहनीय है.किंतु वन वर्ती ग्रामीणों के लिए सरकार सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए रोजगार मुहैया करवाए. गर्दी दोन की अध्यक्षा सोनपति देवी ने कहा कि ग्रामीणों के गांव के नजदीक जंगली नदी से फसल खेत मकान की बर्बादी होती है. जिसका मुआवजा अब तक नहीं मिलता है. वही गोबर्धना के अध्यक्ष संजय पटवारी ने कहा कि हमारा गांव जंगल से घिरा है. जिस कारण जंगली जानवरों द्वारा पालतू पशुओं और फसलों का नुकसान होता है. जंगल के बाहरी छोर पर बाउंड्री हो जाने से नुकसान पर रोक लगाई जा सकेगी. वही मुआवजा की प्रक्रिया अत्यंत जटिल होने के कारण किसानों को मुआवजा का लाभ नहीं मिल पाता है. एक एकड़ में अत्यंत कम मुआवजा का तीन गुना लागत होती है. मुआवजा की प्रक्रिया को सरल किया जाए. ईडीसी को कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है. जंगली नदी से होने वाले खेतों के कटाव का मुआवजा भी नहीं मिलता है. वन विभाग से एलपीसी बनाने की प्रक्रिया को सरल किया जाए, यह अत्यंत जटिल है. वही संतपुर के अध्यक्ष ने कहा कि राजस्व गांव घोटवा टोला में स्थित नाला में बरसात के दिनों में पानी ज्यादा होने के कारण मुख्य सड़क से ग्रामीणों का संपर्क टूट जाता है. जिससे बच्चों की शिक्षा बाधित होती है. वहीं संतपुर के पूर्व अध्यक्ष केदार काजी ने कहा कि वन विभाग की रिक्त भूमि पर पौधारोपण किया जाए जिससे वन भूमि का अतिक्रमण ना हो सके और पर्यावरण की रक्षा भी हो. 2021 में गेंडा द्वारा फसल नुकसान का मुआवजा किसानों को अभी भी अप्राप्त है. जंगली जानवरों से फसलों की रक्षा के लिए झटका मशीन लगाने की अनुमति मिले. वन विभाग मुआवजा देने में उदासीनता ना रखें. मुख्यमंत्री के दरुआबारी गांव आगमन पर दरुआबारी से तीन आरडी पुल तक सड़क निर्माण का सड़क आश्वासन मिलने के बावजूद अब तक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. वही मौके पर मौजूद वाल्मीकिनगर विधानसभा के युवा विधायक धीरेंद्र प्रताप उर्फ रिंकू सिंह ने ग्रामीण और किसानों की समस्याओं पर वन विभाग के अधिकारियों को सहानुभूति पूर्वक विचार करने की बात कही. उन्होंने कहा कि वन संपदा और वन्यजीवों की सुरक्षा में ग्रामीण और किसानों का अहम योगदान है. वन विभाग से सहयोग मिलने पर जनता रक्षक के रूप में रहेगी. किंतु सहयोग नहीं मिलने पर यही जनता भक्षक भी बन सकती है. विधायक ने गोनौली वन क्षेत्र के वनपाल कुंदन द्वारा रिश्वत लेने के ऑडियो वायरल होने तथा निर्दोष छात्रों पर प्राथमिकी दर्ज करने पर कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराई. उन्होंने कहा कि नदी नालों से वन विभाग के अधिकारियों द्वारा बालू की निकासी कराई जाती है. वहीं जब गरीब लाचार ग्रामीण द्वारा बालू निकालने पर प्राथमिकी दर्ज की जाती है. यह कहां का न्याय है. एलपीसी के लिए मुखिया और ईडीसी को अधिकृत किया जाए. ताकि मुआवजा की प्रक्रिया सरल हो सके. मंत्री प्रेम कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में किए गए कार्यों की सराहना की और कहा कि प्रदूषण को रोकने और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए उनके द्वारा लगातार प्रयास जारी है. मैं इसके पूर्व भी आया था. कई समस्याओं से अवगत हुआ था. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों और ग्रामीणों के लिए विश्वकर्मा योजना, आयुष्मान भारत योजना, आवास योजना आदि तमाम योजनाएं लागू की गयी है. ताकि इसका लाभ समाज के सभी वर्ग को मिले. उन्होंने जिलाधिकारी से इन बिंदुओं पर वार्ता करने का आश्वासन दिया. वही केंद्र व राज्य की योजनाओं को लागू करने के लिए सर्वे कराई जाएगी. जिनको लाभ नहीं मिल रहा है उनको लाभ दिलाना पहली प्राथमिकता है. उन्होंने वन अधिकारियों को ईडीसी के साथ तालमेल बनाए रखने का निर्देश दिया.
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