आधा दर्जन नेपाली हाथियों ने मचाया उत्पात, धान व केला के दो एकड़ फसल किया बर्बाद
आधा दर्जन हाथियों का झुंड (जिसमें हाथी के दो बच्चे शामिल है) द्वारा हाथी मलखंता के समीप बिसहा गांव के नजदीक लगभग दो एकड़ में लगे धान और केले की फसल का नुकसान किया गया है.
वाल्मीकिनगर. भारत-नेपाल सीमा पर स्थित टाइगर रिजर्व के जंगल में पड़ोसी देश नेपाल के खुली सीमा का लाभ लेकर चितवन राष्ट्रीय निकुंज से लगभग आधा दर्जन हाथियों का झुंड (जिसमें हाथी के दो बच्चे शामिल है) द्वारा हाथी मलखंता के समीप बिसहा गांव के नजदीक लगभग दो एकड़ में लगे धान और केले की फसल का नुकसान किया गया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक हाथियों का झुंड रविवार की शाम खेतों तक जा पहुंचा. ग्रामीणों के शोर मचाने पर हाथी जंगल की तरह वापसी कर लिए. किंतु देर रात फिर हाथियों का झुंड खेतों में पहुंचकर फसलों को नुकसान पहुंचाया. जिसमें किसान जुनैद आलम, मुन्नीलाल तिवारी, गोविंद साह, ईश्वर दयाल सिंह के फसलों को नुकसान पहुंचा है. वहीं वन कर्मियों की टीम द्वारा मशाल के साथ टीन बजा, पटाखे बजा तथा शोर मचाकर हाथी के समूह को जंगल की तरफ खदेड़ने का सामूहिक प्रयास किया गया. ग्रामीणों द्वारा फसल नुकसान की सूचना वन विभाग कार्यालय में दी गयी है. हाथियों के जंगल वापसी के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है. इस बाबत वन क्षेत्र पदाधिकारी वाल्मीकिनगर राजकुमार पासवान ने बताया कि भारत नेपाल की खुली सीमा का लाभ लेकर टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों का आगमन होता रहता है. वन कर्मियों द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है. ग्रामीणों से सतर्क और सजग रहने की अपील की गयी है. वाल्मीकिनगर-बगहा मार्ग पर चहलकदमी करते दिखा बाघ, लोगों में भय व्याप्त वाल्मीकिनगर. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल दो के वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र से सटे वनवर्ती इलाकों के समीप वन्यजीवों की चहलकदमी से लोगों में इन दिनों भय व्याप्त हो चला है. यह वन्यजीव हर रोज किसी न किसी क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहते हैं. इसी क्रम में रविवार की रात एक बाघ (रॉयल बंगाल टाइगर) वाल्मीकिनगर-बगहा मुख्य मार्ग पर चहलकदमी करते देखा गया. जिससे लोगों में भय व्याप्त हो गया. जिसकी सूचना तत्काल वन कार्यालय को दी गयी. सूचना पर वनपाल साधु दास के नेतृत्व में वन कर्मियों की टीम मौके पर पहुंच बाघ के चहलकदमी पर नजर बनाए हुए हैं. इस बाबत पूछे जाने पर वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ. नेशामणि ने बताया कि ऐसी सूचना प्राप्त हुई है. बाघ की चहलकदमी दर्ज की गयी है. ग्रामीणों से अपील की गयी है कि पशुपालक और ग्रामीण जंगल क्षेत्र की ओर जाने से परहेज करें. ताकि किसी भी प्रकार का कोई अप्रिय घटना घटित ना हो सके. बताते चलें कि बीते कुछ वर्षों में वन प्रशासन द्वारा कड़ी चौकसी के कारण टाइगर रिजर्व में शाकाहारी और मांसाहारी जानवरों की तादाद में भारी वृद्धि दर्ज की गयी है. सीएफ ने बताया कि वन क्षेत्र के अंदर वन्यजीव का विचरण सामान्य घटना है. कुछ जानवर स्वभाव से हिंसक होते हैं. ग्रामीणों से अपील है कि वन क्षेत्र के अंदर अनधिकृत रूप से प्रवेश न करें.
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