बैरिया. अंचल क्षेत्र के सूरजपुर पंचायत के सुप्रसिद्ध पिपरा घाट अब गंडक नदी में विलीन होता हुआ नजर आ रहा है. जिले से सैकड़ों श्रद्धालु श्रावण माह में जल भरने के लिए स्नान करने के लिए बैरिया के पिपरा घाट पर जाते थे. किंतु आरोप है कि विभागीय निष्क्रियता की वजह से पिपरा घाट नदी में विलीन हो गया तथा पीडी रिंग बांध में गंडक नदी का कटाव जोरों पर है. इसे अगल-बगल के लोगों में काफी आक्रोश का माहौल बना हुआ है और विभाग की कर्मियों पर कटाव नहीं रुकने को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. वहीं कटाव स्थल पर पहुंचे भाकपा माले के जिला कमेटी सदस्य सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि विभाग के निष्क्रियता की वजह से तटबंध कटाव हो रहा है. यदि विभाग सक्रिय हो जाए तो दर्जनों गांव बाढ़ से ग्रसित होने से वंचित हो सकते हैं. लेकिन विभाग लोगों की जगह संवेदक को जिलाने में तथा तटबंध को काटने के इंतजार में लगे हैं. यदि तटबंध कट गया तो हम सभी माले कार्यकर्ता विभाग के कर्मियों को वहीं पर बंधक बनाएंगे तटबंध काटने से दर्जनों गांव हो सकते हैं प्रभावित: पीडी रिंग बांध काटने से सूरजपुर तथा दक्षिण पाटजीरवा पंचायत के लगभग दर्जनों गांव गंडक नदी के बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं. वहीं पखनाहा बाजार भी इससे प्रभावित हो सकता है. जिससे लोगों का दैनिक उपयोग के सामान भी नष्ट हो सकते हैं. वही ग्रामीणों का कहना है कि नदी जब एक किलोमीटर की दूरी पर थी तो विभाग कान में तेल डालकर सोई हुई थी और गंडक नदी वकील मियां, इब्राहिम मियां, रियाजुल मियां, मुख्तार अंसारी, अब्बास मियां, समेत आधा दर्जन लोगों का घर अपने आगोश में ले लिया तब भी विभाग कटाव निरोधी कार्य कछुआ का चाल में काम कर रही है. ग्रामीणों का आरोप था कि कटाव निरोधी कार्य में सिर्फ बंबू डालने से नहीं होगा, हाथी पांव तथा लोहे के जाल में बॉर्डर डालकर कटाव को रोका जा सकता है. वहीं विभाग के कार्यपालक अभियंता संजय कुमार ने बताया कि कटाव को रोकथाम के लिए बंबू तथा हाथी पांव का प्रयोग किया जा रहा है जिससे नदी का कटाव रूक सके.
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