बगहा/वाल्मीकिनगर. नेपाल के सकरदीनही से भारत सीमा स्थित विवादित सुस्ता गांव को जोड़ने वाली गंडक नदी पर बने 1571 मीटर लंबे झूला पुल और बिजली ट्रांसफार्मर ग्रिड का उद्घाटन गुरुवार को नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने विधिविधान के साथ नारियल फोड़कर और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया. बता दें कि यह पुल और ग्रिड के माध्यम से सुस्ता के ग्रामीणों को भारत की सीमा से नेपाल के अन्य हिस्सों से सीधे जुड़ने का अवसर मिला है. मौके पर लुंबिनी प्रदेश के मुख्यमंत्री चेतनारायण, नवल परासी सांसद विनोद चौधरी, विधायक देवकरण कलवार, नवल परासी जिला के डीएम स्कीम श्रेष्ठ सहित अनेक प्रमुख नेता और अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति रही. बता दें कि पुल का निर्माण नेपाली करेंसी 25 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है और यह पुल नारायणी नदी पर स्थित है. जो दो पहिया वाहनों के आवागमन को ध्यान में रखकर बनाया गया है. गौरतलब हो कि नेपाल के राष्ट्रपति ने उद्घाटन के बाद पुल का निरीक्षण करते हुए सरकार के काम की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह पुल सुस्ता के नागरिकों के लिए नेपाल के अन्य शहरों और बाजारों तक पहुंच आसान करेगा और बाढ़ के दौरान आने वाली कठिनाइयों से राहत दिलाएगा. नागरिकता व जमीन के मुद्दे पर जोर इस दौरान नवल परासी सांसद विनोद चौधरी ने कार्यक्रम के दौरान सुस्ता के वंचित नागरिकों के लिए नागरिकता और जमीन के अधिकार की मांग की. उन्होंने कहा कि सुस्ता के निवासियों को अब तक लाल पर्ची नहीं मिली है, जो उन्हें जल्द दी जानी चाहिए. ताकि वे जमीन के कानूनी मालिक बन सकें और देश के विकास में सहयोग कर सके. बता दें कि नेपाल सरकार की विकास की दिशा में बड़ा कदम है. इस पुल के निर्माण के साथ ही सुस्ता के नागरिकों को अब 24 घंटे बिजली की सुविधा भी मिल सकेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है